लक्ष्मी बाई के नाम से ही अंग्रेजी सरकार थर-थर कांपती थी (राजेश केसरवानी)
महारानी लक्ष्मीबाई जी को दी गई श्रद्धांजलि
भाजपा मुट्ठीगंज मंडल के द्वारा महान क्रांतिकारी रानी लक्ष्मीबाई जी की 195 जन्म जयंती मुट्ठीगंज में मनाई गई इस अवसर पर सभी कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी जीवनी पर चर्चा करते हुए मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने कहा कि महारानी लक्ष्मी बाई का जन्म 1828 में वाराणसी में हुआ था उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था और प्यार से उन्हें मनु कहते थे वे बचपन से ही नीडर और साहसी थी और उन्होंने अंग्रेजी सरकार के जुल्म के खिलाफ कई मोर्चे पर अंग्रेजी हुकूमत को परास्त किया यही कारण था कि लक्ष्मीबाई के नाम से अंग्रेजी सरकार थर-थर कांपती थी उन्होंने अपने पति गंगाधर राव की मृत्यु की पश्चात झांसी की कमान संभाली जिसे अंग्रेज हड़पना चाहते थे लेकिन उन्होंने सिर्फ झांसी की लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश से अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का संग्राम छेड़ दिया जिसे आज अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रथम युद्ध के नाम से जाना जाता है और अंत में 18 जून 1858 को कालपी युद्ध के दौरान मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुई महारानी लक्ष्मी बाई अदम्य साहस और वीरता के प्रतिमूर्ति थी और नारी शक्ति की प्रेरणा पुंज है
कार्यक्रम संयोजक अभिलाष केसरवानी रहे
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रमुख रूप से मंडल अध्यक्ष अजय अग्रहरि, घनश्याम मौर्य,शत्रुघ्न जायसवाल, सुशील जैन,हरीश मिश्रा, नीरज केसरवानी, किशनचंद्र जायसवाल, राजू, आनंद मिश्रा, राकेश जायसवाल, सुमित केसरवानी, सचिन गुप्ता एवं मुट्ठीगंज मंडल की कार्यकर्ता रहे