सेंट्रल अस्पताल, प्रयागराज में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का सफल आयोजन — प्रयागराज मंडल से अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट
प्रयागराज, 10 सितंबर 2024 – सेंट्रल अस्पताल, प्रयागराज में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आत्महत्या से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा करना था। कार्यक्रम का आयोजन अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. एस.के. हैंडू और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.पी. शर्मा के मार्गदर्शन में हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में मनोचिकित्सक डॉ. रोहित कुमार ने आत्महत्या के जोखिम कारकों, रोकथाम के उपायों, और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. कुमार ने बताया कि आत्महत्या एक गंभीर वैश्विक समस्या है, जो हर साल 700,000 से अधिक लोगों की जान लेती है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि यह 15-29 आयु वर्ग के लोगों में मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आत्महत्या केवल मानसिक रोगों से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समस्याओं से भी जुड़ी है। भारत में आत्महत्या की दर चिंताजनक है, जहां हर साल 1.64 लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं।
डॉ. कुमार ने आत्महत्या के प्रमुख कारणों में मानसिक विकार, अवसाद, आर्थिक दबाव, और सामाजिक अलगाव को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आत्महत्या की रोकथाम के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता और सामाजिक समर्थन महत्वपूर्ण है। उन्होंने WHO के “LIVE LIFE” दृष्टिकोण के बारे में बताया, जिसमें आत्महत्या रोकने के उपायों पर जोर दिया गया है, जैसे खतरनाक सामग्रियों तक पहुंच सीमित करना, मीडिया में जिम्मेदारीपूर्ण रिपोर्टिंग, और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना।
कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि मीडिया आत्महत्या की घटनाओं की रिपोर्टिंग में बड़ी भूमिका निभा सकता है। मीडिया को आत्महत्या के मामलों को सनसनीखेज तरीके से प्रस्तुत करने से बचना चाहिए और इसके बजाय जागरूकता और सहायता के संदेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में, सेंट्रल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. एस.के. हैंडू ने सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि आत्महत्या एक रोकी जा सकने वाली त्रासदी है। उन्होंने आत्महत्या रोकथाम के लिए जागरूकता, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, और सामाजिक समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन उपायों को आसानी से लागू किया जा सकता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य फार्मासिस्ट राज कुमार, मुख्य नर्सिंग अधीक्षिकाएं मोडेस्टा सीता और सुमंती, और स्वास्थ्य शिक्षक श्रवण का विशेष योगदान रहा। सभी के सामूहिक प्रयासों से इस जागरूकता कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, जिससे आत्महत्या के प्रति जागरूकता बढ़ी और समाज में सकारात्मक संदेश का प्रसार हुआ।