बीमारी से लखपत तालुका के 4 गांव प्रभावित। ज्यादातर मृतक एक ही समुदाय के।
चांदीपुरा वायरस के बाद अब गुजरात में एक रहस्यमयी बीमारी ने सिर उठाया है। कच्छ के लखपत और अबडासा तालुका में 6 दिनों में 15 लोगों की संदिग्ध मौत होने से स्वास्थ्य विभाग सकते में है। 48 संदिग्ध मरीज अस्पताल में हैं। हालांकि ये पूरी तरह स्वस्थ होने की स्
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बुखार, सर्दी-खांसी के बाद निमोनिया, सांस लेने में तकलीफ और मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण कुछ ही घंटों में मरीज की मौत हो जाती है। कच्छ जिले के लखपत तालुका के भेखड़ा, सांध्रो, मोरनगर, बेडी, भारावन, वालावरी और लाखापर गांवों में इस गंभीर बीमारी के ज्यादा मामले मिले हैं।
गांव की हर गली में दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
संदिग्ध H1H2 और कांगो बुखार के नमूने अहमदाबाद-पुणे भेजे जिला रोग नियंत्रण अधिकारी केशव कुमार ने बताया कि संदिग्ध एच1एच2 बुखार के नमूने अहमदाबाद और कांगो बुखार के नमूने पुणे की लैब में भेजे गए हैं। अभी हम प्राथमिक रिपोर्टों के आधार पर अध्ययन कर रहे हैं और जानकारी गांधीनगर कार्यालय भेज रहे हैं।
अबडासा तालुका के गांव में मरीजों की जानकारी जुटाते हुए स्वास्थ्यकर्मी।
स्वास्थ्य मंत्री कच्छ रवाना रहस्यमय बीमारी से मौत के कारण स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल और शिक्षा राज्य एवं कच्छ जिले के प्रभारी मंत्री प्रफुल्लभाई पंसेरिया कच्छ के लिए रवाना हो गए हैं।
वह लखपत और अबडासा तालुका में संदिग्ध बुखार के मामलों की स्थिति के बाद एक साइट का दौरा करेंगे और मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति पर कच्छ जिला प्रशासन के साथ एक समीक्षा बैठक भी करेंगे।
बुखार के रोगियों का मलेरिया रैपिड टेस्ट के लिए भी टीम बनाई गई है।
27 टीमों का युद्ध स्तर पर ऑपरेशन शुरू स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की 27 टीमों ने युद्धस्तर पर ‘घर-घर सर्वेक्षण’ कर 318 घरों के 2234 लोगों की जांच की है। इसमें बुखार के 48 संदिग्ध मरीज मिले।
तालुका के सभी बुखार के रोगियों का मलेरिया रैपिड टेस्ट किया गया, जिसमें 2 मरीज जहरीली मलेरिया तथा 1 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिला है।
कच्छ में मरीजों की जानकारी जुटाते हुए स्वास्थ्यकर्मी।
ज्यादातर मौतें एक ही समुदाय में हुईं बुखार, सर्दी-खांसी के इलाज के बाद मौत हो रही है। ज्यादातर मौतें एक ही समुदाय में हुईं हैं। मामले की गंभीरता देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने दोनों तालुकाओं के प्रभावित गांवों में टीमें भेजी हैं। टीमें घर-घर जाकर मरीजों की जांच कर रही हैं। गांव की हर गली में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। दयापार में इलाज के लिए राजकोट से आई विशेष रैपिड रिस्पांस टीम ने भी कार्रवाई की है। गांवों में सर्वे और जरूरत हो तो खून के नमूने ले रहे हैं।