पथराव करने वाले उपद्रवियों को आज कोर्ट में पेश किया गया।
सूरत शहर के सैयदपुरा वरियाली बाजार में रविवार रात गणेश पंडाल पर हुए पथराव के बाद दंगा हो सकता था, लेकिन पुलिस ने ऐसा होने से रोक दिया। दरअसल हिंदू परिवार के ज्यादातर लोग गणेशजी की आरती के बाद अपने घरों में खाना खा रहे थे। इसी बीच टीवी और मोबाइल पर गण
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लोगों ने सोचा कि यह तो हमारे नजदीक की ही घटना है। इससे लोग अपने घरों से बाहर निकले और गणेश पंडाल के पास पहुंच गए। लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा करते हुए सड़कों पर आ गए। सैकड़ों लोग गणेश पंडाल के करीब 500 मीटर दूर स्थित पुलिस चौकी पहुंच गए। हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग आमने-सामने आ गए थे, लेकिन पुलिस ने मामला संभाल लिया।
पथराव करने वाले नाबालिग से पूरी बस्ती परेशान रहती है
पथराव की खबर मिलते ही रविवार रात थाने के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई।
पुलिस जांच में पता चला है कि पथराव करने वाले आरोपियों ने ही दो दिन पहले गणेश पंडाल में पानी का पाउच फेंके थे। उस दौरान वे लोगों की नजर से बचकर भाग निकले थे, लेकिन पथराव करने के दौरान पकड़े गए। पता चला है कि घटनाक्रम का मुख्य अभियुक्त मदरसा में पढ़ने वाला नाबालिग है। वह झगड़ालू प्रवृति का है और अपनी बस्ती में सभी को परेशान करके रखा है।
बस्ती निवासी अपने बच्चों को उसके साथ कहीं नहीं भेजते हैं। वह जबरदस्ती किसी से भी गाली- गलौज और मारपीट करने पर उतारू रहता है। उसके पिता की सालों पहले मौत हो चुकी है और उसकी मां ने किसी और के साथ शादी कर ली है। वह अपनी दादी के साथ रहता है।
लाठीचार्ज के बाद थाने के सामने मुख्य सड़क पर भगदड़ मच गई थी।
12 से 14 साल के हैं नाबालिग आरोपी, 1 झगड़ालू प्रवृत्ति का
पंडाल के पास ही एक मस्जिद है, जहां नियाज बंटती और वहां पर नाश्ता-खाना बांटा जाता है। आरोपी 6 नाबालिग भी नियाज खाने के लिए वहां आए थे। इसी दौरान लौटते वक्त उन्होंने पंडाल पर पत्थर फेंके। इनमें से पांच रामपुरा के पास रहते हैं और एक पंडाल से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर रहता है। यह सभी 12 से 14 साल की उम्र के हैं। इनमें से एक आरोपी जिसने पत्थर फेंका, वह मदरसा में पढ़ाई करता है, बाकी पांच स्कूली छात्र हैं।
पथराव से गुस्साए लोगों ने पुलिस थाने के बगल में खड़ी दो गाड़ियों में आग लगा दी।
पुलिस के दौड़ाने पर लोग घरों में गए तो महिलाएं गेट पर खड़ी हो गईं लोग घर के अंदर चले गए तो महिलाएं दरवाजे पर खड़ी हो गईं। इस बीच 15 से 20 मिनट तक पुलिस के साथ नोकझोंक होती रही। थोड़ी ही देर में पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। हर मोहल्ले, हर गली में पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया था। पुलिस के जवानों ने लोगों को दोबारा घर से बाहर निकलने से रोक दिया।
एक हजार पुलिसकर्मियों ने संभाला मोर्चा सैयदपुरा घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत एवं शहर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। आस-पास के पांच थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। मामला बढ़ता देख अन्य थानों से भी फोर्स में मंगा ली। जितने भी पुलिसकर्मी नाइट राउंड पर थे, उन्हें तत्काल पर मौके पर बुला लिया गया। करीब हजार पुलिसकर्मी मौजूद थे।