आप नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार होने के दो साल बाद जमानत दे दी गई। दिल्ली की एक अदालत ने जैन की 18 महीने की लंबी कैद का हवाला देते हुए कहा कि मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है, खत्म होने की बात तो दूर है। जमानत देते समय राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसौदिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें त्वरित सुनवाई के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में जोर दिया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ज़मानत मिलने के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सत्यमेव जयते कहा है। सत्येन्द्र जैन को जमानत मिलने के बाद सत्येन्द्र जैन की पत्नी पूनम जैन ने कहा कि मैं अदालत और न्यायपालिका को धन्यवाद देती हूं। यह कठिन था लेकिन हमें विश्वास था क्योंकि उन्होंने अपने पूरे जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है। हम लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे। उनके लिए यह राजनीति नहीं है, वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
कोर्ट ने लगाई कुछ शर्तें
सत्येंद्र जैन को कोर्ट ने जमानत 50 हजार के निजी मुचलके पर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने तीन शर्तों भी लगाई हैं। सत्येंद्र जैन मामले से जुड़े किसी भी गवाह या व्यक्ति से संपर्क नहीं कर सकेंगे। दूसरी वो किसी भी तरह से मुकदमे को प्रभावित नहीं करेंगे। इसके अलावा आप नेता को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना भारत से बाहर यात्रा करने पर रोक रहेगी।
कोर्ट ने क्या कहा
आम आदमी पार्टी (आप) नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार फर्जी कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व को बताया, खासकर जब पीएमएलए जैसे कड़े कानूनों द्वारा शासित मामलों की बात आती है। अदालत का आदेश काफी हद तक मनीष सिसौदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर था, जिसने त्वरित सुनवाई के अधिकार के संबंध में एक मिसाल कायम की।