कुछ समय पहले नांदेड़ से कांग्रेस के सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन हो गया है। वे पिछले कुछ समय से बीमार थे और हैदराबाद के किम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। आधी रात के समय उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से कांग्रेस के सांसदों की संख्या में एक नंबर की गिरावट आ गई है। सांसद बनने से पहले चव्हाण राज्य की विधानसभा में विधायक भी रहे थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर ही नांदेड़ जिले की नायगांव सीट से जीत हासिल की थी।
कांग्रेस के नांदेड सांसद का निधन
वसंतराव चव्हाण को सांस लेने में कठिनाई और लो-बीपी की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पहले उन्हें नांदेड़ के एक अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के किम्स अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
वसंतराव चव्हाण का परिचय ?
वसंतराव चव्हाण के राजनीतिक कैरियर की बात करें तो उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत नायगांव गांव के सरपंच के रूप में की थी। जिसके बाद उन्होंने जिला परिषद में भी सेवाएं दीं और 2002 में जिला परिषद के लिए चुने गए। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में निर्दलीय के रूप में प्रवेश किया और नायगांव विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2014 में वे कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें विधानसभा की लोक लेखा समिति में नियुक्त किया गया। इसके अलावा, वह जनता हाई स्कूल और एग्री के अध्यक्ष भी रहे। वसंतराव चव्हाण ने 2009 में नायगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के गठन के बाद इस क्षेत्र के पहले विधायक बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने नांदेड़ जिले में कांग्रेस का वर्चस्व बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर तब, जब अशोक चव्हाण और भास्करराव खटगांवकर जैसे वरिष्ठ नेता कांग्रेस से अलग हो गए थे।
हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में अशोक चव्हाण ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा। जिससे बीजेपी को नांदेड़ और हिंगोली लोकसभा सीटों पर जीत का रास्ता साफ होता नजर आया, लेकिन वसंतराव चव्हाण ने कांग्रेस के लिए मैदान में उतरकर बीजेपी के प्रताप पाटिल चिखलीकर को भारी मतों से हराया। इससे यह संदेश स्पष्ट हुआ कि अशोक चव्हाण के जाने के बाद भी नांदेड़ में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनी हुई है।