क़त्ल-ए-हुसैन अस्ल में मर्ग-ए-यज़ीद है इस्लाम ज़िंदा होता है हर कर्बला के बाद

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क़त्ल-ए-हुसैन अस्ल में मर्ग-ए-यज़ीद है

इस्लाम ज़िंदा होता है हर कर्बला के बाद

टीकमगढ़ 26 जुलाई को करीब 9:00 बजे सात मुहर्रम को शेखों के मोहल्ले में शहीद-ए-आजम कॉन्फ्रेंस मनाई गई जिसमें मुस्लिम धर्मगुरु औलादे अली हुसैनी घराना के अहलेबैत सैयद नवाज अख्तर चिश्ती मियां साहब किबला तशरीफ लाए और उनका नूरानी बयान हुआ पहले शहर के उलमाओ द्वारा नाते पढ़ी गई उसके बाद उत्तर प्रदेश मुस्लिम धर्मगुरु औलादे अली हुसैनी घराने के सैयद नवाज अख्तर चिश्ती मियां साहब आस्ताना आलिया समादिया फफूंद शरीफ की तकरीर हुई नफरत को छोड़ने का पैगाम दिया उन्होंने बताया के हुसैनी घराना वह घराना है जो नमाज़ के दौरान भी गरीबों को मांगने पर मौला अली अपनी अंगूठी उतार के दे देते हैं सामने वाले को नजर से देखते भी नहीं नमाज की हालत में मांगने वाला कौन है इसी तरह दान करना चाहिए कि ना वह आपको देख सके ना आप उसे देख सके इमाम हुसैन का वह मर्तबा है सारा घर शहीद कर दिया लेकिन उफ तक नहीं की क्योंकि अल्लाह का हुजूर से पहले से वादा हुआ था वह वादा वफा करना था सारी दुनिया को माफ कराना था हजरत ने लोगों से कहा मोहर्रम मैं लोगों को पानी पिलाओ लोगों की प्यास बुझाओ अल्लाह तुम्हें इसका बहुत इनाम देगा गरीबों की मदद करो कोई भी मुसलमान अगर अल्लाह ने आपको नवाजा है तो सदका जकात जरूर करें इस प्रोग्राम में टीकमगढ़ शहर के सभी मुफ्ती आलिम और हाफिज लोग भी शामिल हुए टीकमगढ़ शेखो के मोहल्ले की कमेटी द्वारा बताया गया की यह शहीद-ए-आजम कॉन्फ्रेंस है जो इमाम हुसैन की याद में मनाई गई