सिंधिया की प्रतिमा की अनावरण की ख़बर आते ही बड़ाई सुरक्षा व्यवस्था

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सिंधिया की प्रतिमा की अनावरण की ख़बर आते ही बड़ाई सुरक्षा व्यवस्था,

टीकमगढ़. विवादों के बीच अनावरण के लिए खड़ी स्व माधव राव सिंधिया की प्रतिमा के पास प्रशासन ने पहरा लगा दिया है। बीती रात दो पुलिसकर्मी यहां पर तैनात रहे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 4 या 5 अगस्त को जिले में आगमन होने पर प्रतिमा का अनावरण हो सकता है, ऐसे में विरोध को देखते हुए यहां पर सुरक्षा बढ़ाने की बात कही जा रही है
लगभग 6 माह पूर्व स्थानीय सर्किट हाउस के गार्डन में रातो-रात पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया की प्रतिमा स्थापित कर दी गई थी। इस प्रतिमा की जानकारी जैसे ही शहर के लोगों को हुई इसका विरोध शुरू हो गया। क्षत्रिय महासभा के साथ ही करणी सेना ने इसका विरोध करते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। क्षत्रिय महासभा का कहना था कि स्व सिंधिया की प्रतिमा यहां पर क्यों स्थापित की जा रही है। उनका जिले में योगदान क्या है। क्षत्रिय महासभा द्वारा यहां पर जिले को पहचान दिलाने वालों की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की गई थी। आमजन भी यहां पर अयोध्या से भगवान श्रीराम को ओरछा लाने वाली महारानी कुंवर गणेश, आधुनिक टीकमगढ़ का निर्माण करने वाले महाराज प्रताप सिंह की प्रतिमा स्थापित कराने की मांग कर रहे थे
फिर हुआ अनावरण की चर्चा
एक बार फिर से इस प्रतिमा के अनावरण की चर्चाएं शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आगामी 4 या 5 अगस्त को जतारा विधानसभा में कार्यक्रम प्रस्तावित है। ऐसे में पिछले तीन दिनों से शहर में चर्चाएं चल रही है कि वह टीकमगढ़ भी आएंगे और यहां पर माधव राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। यह जानकारी मिलते ही एक बार फिर से लोग इसका विरोध करने लगे है। इस बार क्षत्रिय महासभा के साथ ही समाज के अन्य लोग भी इसका विरोध कर रहे है। बताया जा रहा है कि यह विरोध देखते हुए ही प्रशासन ने प्रतिमा की सुरक्षा बढ़ा दी है। वहीं बताया जा रहा है कि अनावरण कार्यक्रम को लेकर क्षत्रिय महासभा भी विरोध करने रणनीति बना रही है। बताया जा रहा है कि सोमवार को समाज के अन्य लोग भी इसके विरोध में ज्ञापन सौंपेंगे।प्रतिमा स्थापित होने के बाद आई राशि
सर्किट हाउस में माधव राव सिंधिया की प्रतिमा स्थापित होने का पूरा मामला शुरू से ही विवादों में रहा है। विदित हो कि प्रतिमा के स्थापित हो जाने के बाद शासन द्वारा इसके लिए 25 लाख रुपए की राशि नगर पालिका को दी गई थी। साथ ही नपा को निर्देशित किया गया था कि नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया कर प्रतिमा स्थापित कराई जाए। ऐसे में सवाल उठ रहा था कि जब प्रतिमा स्थापित ही हो चुकी है तो टेंडर प्रक्रिया का क्या अर्थ। बताया जा रहा है कि इस विवाद को लेकर नपा ने भी यह काम करने से मना कर दिया था और अब तक कुछ नहीं किया गया है।