मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन’ अमृत महोत्सव

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झांसी( उजेन्द्र पटेल) – हमारे वेदों का वाक्य है- मृत्योः मुक्षीय मामृतात्। अर्थात, हम दुःख, कष्ट, क्लेश और विनाश से निकलकर अमृत की तरफ बढ़ें, अमरता की ओर बढ़ें। यही संकल्प आज़ादी के इस अमृत महोत्सव का भी है। आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी- आज़ादी की ऊर्जा का अमृत, आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी – स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी – नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी – आत्मनिर्भरता का अमृत। और इसीलिए, ये महोत्सव राष्ट्र के जागरण का महोत्सव है। ये महोत्सव, सुराज्य के सपने को पूरा करने का महोत्सव है। ये महोत्सव, वैश्विक शांति का, विकास का महोत्सव है। आजादी के अमृत महोत्सव में पीएम मोदी ने लोगों से आग्रह किया है कि 09 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक सभी इस महोत्सव, में प्रतिभाग करें इसी क्रम में – मॉडर्न पब्लिक स्कूल झाँसी के प्रधानाचार्या, प्रशासक, कर्मचारियों और छात्रों ने ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान में भारत की मिट्टी और वीरता का जश्न मनाया और इसे सही मूल्य देते हुए ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव ‘ के तहत टैगलाइन दी ‘मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन’।.
मेरी माटी मेरा देश स्वतंत्रता दिवस अभियान: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने 30 जुलाई को मन की बात के 103 वें संस्करण के दौरान 77 वें स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए एक अद्वितीय विचार सामने रखा। उन्होंने अमृत महोत्सव समारोह के दौरान ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान की घोषणा की। 9 अगस्त से 15 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान में शहीद वीरों का सम्मान और सराहना की जाएगी.
सभी ने ‘पंच प्रण प्रतिज्ञा’ ली, हमारे सच्चे नायकों के सम्मान में गीत गाए।
हमारे स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों ने देश की आजादी की वर्षगांठ मनाने के लिए “आजादी का अमृत महोत्सव” अभियान के हिस्से के रूप में भारतीय ध्वज के साथ प्रभात फेरी निकाली । 500 से अधिक प्रतिभागियों ने “जय हिंद” और “भारत माता की जय” के नारे के साथ तिरंगा झंडा लहराते हुए कदम बढ़ाए।

हमारे स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों ने देश की आजादी की वर्षगांठ मनाने के लिए “आजादी का अमृत महोत्सव” अभियान के हिस्से के रूप में भारतीय ध्वज के साथ प्रभात फेरी निकाली । 500 से अधिक प्रतिभागियों ने “जय हिंद” और “भारत माता की जय” के नारे के साथ तिरंगा झंडा लहराते हुए कदम बढ़ाए।

मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन’ अमृत महोत्सव