संक्रमण काल के दौर में भगवान श्री हनुमान जी महाराज जैसे राष्ट्रभक्त समाजसेवी साथियों की जरूरत    — आर के पाण्डेय एडवोकेट

उत्तर प्रदेश

संक्रमण काल के दौर में भगवान श्री हनुमान जी महाराज जैसे राष्ट्रभक्त समाजसेवी साथियों की जरूरत    — आर के पाण्डेय एडवोकेट

— कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका के साथ सामाजिक संगठनों में सेवा, समर्पण, सहयोग की आवश्यकता।

  प्रयागराज। भगवान श्री हनुमान जी महाराज के प्राकट्य दिवस पर पीडब्ल्यूएस प्रमुख व राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष आर के पाण्डेय एडवोकेट ने अपने उद्बोधन में भगवान श्री हनुमान जी महाराज को आदर्श बताते हुए कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका एवं सामाजिक संगठनों में उनके जैसे समर्पित सहयोगी की आवश्यकता पर बल दिया।

     जानकारी के अनुसार आर के पाण्डेय एडवोकेट ने कहा कि जिस प्रकार 11वें रूद्र भगवान श्री हनुमान जी महाराज का अवतार मानवीय सेवा, श्रीराम जी के प्रति अटूट विश्वास, सेवा सहयोग और समर्पण का प्रतीक है जोकि त्रेता युग में लंका दहन से लेकर अधर्म के विनाश के साथ धर्म की पुनः स्थापना के लिए निर्णायक साबित हुआ उसी प्रकार आज के घोर भौतिकवादी युग में वास्तविक रूप से जनहित के लिए, सामाजिक कार्यों के लिए और विशेष रूप से संपूर्ण देश कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका और सामाजिक संगठनों के वास्तविक लोकतांत्रिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए भगवान श्री हनुमान जी महाराज के सेवा l, सहयोग एवं समर्पण के रास्ते पर चलने वाले सामाजिक सहयोगियों की जरूरत हर किसी को वह हर स्तर पर है। आर के पाण्डेय ने बताया कि आज के दौर में अति भौतिकवादी व्यक्तिगत उन्नति इतना ज्यादा हावी हो गया है कि अधिकांश लोग देश, समाज व जरूरतमंद निर्धन बेसहारा लोगों की सहयोग के लिए भी शामिल नहीं होना चाहते वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार का आलम इतना बुरा हो गया है कि लोग दीन दुखियों के हक को भी खाने से परहेज नहीं करते। ऐसे में आवश्यक है कि हम लोग भगवान श्री हनुमान जी महाराज के सेवा, सहयोग एवं समर्पण के रास्ते पर चलते हुए जरूरतमंद निर्धन बेसहारा लोगों, समाज व राष्ट्र के लिए समर्पित भाव से कार्य करें।