झांसी महानगर:स्कूलों में कृमि मुक्ति दिवस पर एल्बेंडाजोल की गोली खिलाना अनिवार्य होगा सत्यापन

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झांसी दिनांक 20 जुलाई 2024

जनपद में 10 अगस्त 2023 को आयोजित होगा कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन, सभी तैयारियां समय से पूर्ण करने के निर्देश

जनपद में कोई भी बच्चा एल्बेंडाजोल की दवा खाने से छूटने ना पाए, इसे कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए:- जिलाधिकारी

स्कूलों/कॉलेजों में बच्चों को दवा खिलाई गई या नहीं, का होगा सत्यापन

आईसीएसई और आईएससी/सीबीएससी एवं यूपी बोर्ड से संबंधित निजी स्कूल दवा खिलाने से आनाकानी करते हैं तो होगी कार्यवाही

छूटे हुए बच्चों को 14 अगस्त 2024 को माॅक अप राउंड आयोजित करते हुए आच्छादित किया जाएगा

जनपद में 9,33,000 बच्चों को एल्बेंडाजोल दवा खिलाए जाने का लक्ष्य

जनपद के समस्त प्राइवेट स्कूलों में भी दवा खिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए, लापरवाही बरतने पर होगी कार्यवाही

घुमंतु परिवार के बच्चों पर भी किया जाए फोकस, कोई भी बच्चा दवा खाने से वंचित ना रहे

मोबाइल टीम के माध्यम से क्रेशर एवं कंस्ट्रक्शन साइट पर रह रहे बच्चों को भी दवा खिलाए जाने के निर्देश

जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के संबंध में बैठक विकास भवन सभागार में संपन्न हुई।     
 जिलाधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम में 10 अगस्त 2024 से 01 वर्ष से लेकर 19 वर्ष से कम उम्र के किशोरों और किशोरियों एल्बेंडाजोल टेबलेट खिलायी जाएगी। जनपद में 9,33,000 किशोर/किशोरियों को दवा खिलाई जाने का लक्ष्य है, इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए उन्होंने निर्देश दिए कि दवाओं का समय से वितरण किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि दवा स्कूल में ही खिलायी जाए, उनके अभिभावकों को किसी भी दशा में दवाई ना दी जाए।      
 जिलाधिकारी ने कहा कि आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री दस्तक अभियान के दौरान घर-घर जाती हैं वह भी अभिभावकों को जागरूक करें कि बच्चों को 10 अगस्त 2024 के दिन बच्चों को अवश्य स्कूल भेजें ताकि उन्हें दवाई खिलाई जा सके।उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी जागरूक किया जाए कि दवा खाने से बच्चों के पेट में जो कीड़े हैं वह मर जाते हैं और बच्चा जो खाना खाता है जिससे उसका शरीर स्वस्थ रहता है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में घुमंतु परिवार के बच्चों सहित क्रेशर तथा कंस्ट्रक्शन साइट पर रह रहे परिवार के बच्चों पर भी फोकस करते हुए, उन्हें दवा खिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
 जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि पूर्व के अभियान में जनपद में 94% बच्चों को दवा खिलाई गई, परंतु इस वर्ष शत-प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने माइक्रोप्लान के अनुसार ही कार्य करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में कम बच्चों को दवा खिलाई गई उस क्षेत्र अधिक फोकस करते हुए एमओआईसी स्वयं बच्चों को दवा पिलाई जाना सुनिश्चित करें।
  जनपद में अभियान का शुभारंभ 10 अगस्त को बच्चों को दवा खिलाते हुए किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि शासनादेश सभी प्राइवेट स्कूल एवं कॉलेजों के प्रिंसिपल को दें। दवा विद्यालय में खिलायी जाएगी। उन्होंने कहा इस अभियान को सफलता पूर्वक चलाया जाना है, निश्चित प्रोफॉर्मा बनाकर कार्य करें औपचारिकता न निभाएं। 
 कृमि मुक्ति कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद के समस्त स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाए तथा सभी लक्षित बच्चों को दवा खिलाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूल निजी स्कूल कॉलेज जो दवा खिलाने में लापरवाही अथवा आनाकानी करते हैं उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने उपस्थित निजी स्कूलों के प्रधानाचार्य को ताकीद करते हुए कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए उन्हें दवा खिलाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।  

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की जिला स्तरीय अंतर विभागीय समन्वय समिति की बैठक में नोडल अधिकारी डॉक्टर उत्सव राज ने बताया कि पूर्व के अभियान में जनपद में 94% बच्चों को दवा खिलाई गई, अब बच्चों को दवा खिलाए जाने के लिए माइक्रो प्लान के अनुसार कार्य करते हुए शत प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य पूर्ण किया जाएगा।
डॉ उत्सव राज ने बताया कि 01 से 02 वर्ष के बच्चों को आधा गोली पीसकर खिलाया जाना है, इसके साथ ही 02 से 03 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली पीसकर खिलाई जानी है। इसके अतिरिक्त वर्ष 03 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी गोली चबा-चबा कर खानी होगी तथा इसके उपरांत अधिक से अधिक पानी पीना अनिवार्य है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधाकर पांडेय, मुख्य चिकित्सक अधीक्षक डॉ पीके कटियार, मुख्य चिकित्सक अधीक्षक पुरुष डॉ॰ नारायण, डाक्टर रविकांत, डीपीआरओ, बेसिक शिक्षा सहित संबंधित अधिकारी एवं विद्यालयों के व्यवस्थापक एवं प्रधानाचार्य आदि उपस्थित रहे।

टीम मानवाधिकार मीडिया से ब्यूरो रिपोर्ट झांसी।