- सभी एलएस अभिभावकों की सहमति से अति कुपोषित दो बच्चों को लें गोदः डीडीसी
- सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का मामला, पीएमएवाई योजना के लाभुकों के चिन्हित कर किस्त भुगतान करें
- जिला से जेएमएमएसवाई के लाभुकों का उपलब्ध डाटा का करें तीन दिनों में पुनः भौतिक सत्यापन सुनिश्चित
उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर उप विकास आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद ने समाज कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति का किया समीक्षा, दिया जरूरी दिशा – निर्देश
बोकारो (झारखंड)। उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर उप विकास आयुक्त (डीडीसी) श्री गिरजा शंकर प्रसाद ने समाहरणालय स्थित सभागार में बुधवार को जिला समाज कल्याण विभाग एवं सामाजिक सुरक्षा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रगति कार्य की समीक्षा किया। मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डा. सुमन गुप्ता, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा श्री पियूष, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, सभी प्रखंडों की महिला पर्वेक्षिका आदि उपस्थित थे।
बैठक में उप विकास आयुक्त ने सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना में परियोजनावार लक्ष्य और उपलब्धि की समीक्षा की। इस क्रम में शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध आंकड़ों एवं परियोजना से जिला को प्राप्त आवेदनों में लगभग 9,706 अंतर है। इस अंतर को समाप्त करने, सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालयों में उपलब्ध आवेदनों को प्राप्त कर जिला कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि सभी विद्यालय प्रधानाध्यापकों से इसका सर्टिफिकेट प्राप्त करें कि उनके यहां योजना से जुड़ने की आहर्ता रखने वाली कोई भी छात्रा छूटी नहीं है। उप विकास आयुक्त ने इस कार्य को हर हाल में महिला पर्वेक्षिकाओं (एलएस) को 05 फरवरी 2025 तक पूरा करने को कहा।
उप विकास आयुक्त ने परियोजनावार *गंभीर तीव्र कुपोषण (सैम) – मध्यम तीव्र कुपोषण (मैम) की समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने गंभीर तीव्र कुपोषण (सैम) पीड़ित 02 बच्चों को सभी महिला पर्वेक्षिकाओं (एलएस) को अभिभावकों के सहमति से गोद लेने की बात कहीं।
उन्हें गोद लेकर नजदीकी कुपोषण उपचार केंद्र (एमटीसी) में भर्ती कराएं, उनका क्लोज मानीटरिंग करें। उन्हें डाइट/फ्रुट बासकेट उपलब्ध करें। इन बच्चों की तब -तक देखभाल करें, जब तक वह ग्रीन जोन में नहीं आ जाएं।
मौके पर उपस्थित जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि परियोजना स्तर पर महिला पर्वेक्षिकाओं द्वारा जिन दो अति कुपोषित बच्चों को गोद लेंगी। उनका एक अलग से प्रोफाइल सहित संचिका खोलेंगे, परियोजना स्तर पर जिसका संधारण होगा। ताकि यह पता चल सके कि बच्चा अति कुपोषित से सामान्य श्रेणी में आ चुका है। साथ ही, यह कार्य महिला पर्वेक्षिका के मूल्यांकन का एक बिंदु होगा।
उप विकास आयुक्त ने इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), पोषण ट्रैकर एप, आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण हेतु जमीन चिन्हितकरण, केंद्रों में विद्युत कनेक्शन, सेविका/सहायिक चयन, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना आदि के प्रगति की भी समीक्षा की और जरूरी दिशा निर्देश दिया।
पोषण ट्रेकर एप का इस्तेमाल करते हुए डाटा को अपडेट करने/मानीटरिंग को कहा। वहीं, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत लाभुकों को चिन्हित कर उन्हें योजना के तहत किस्त की राशि भुगतान करने का निर्देश दिया।
उधर, सामाजिक सुरक्षा कोषांग की समीक्षा क्रम में उप विकास आयुक्त ने झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) के तहत जिला से उपलब्ध लगभग 07 हजार लाभुकों के डाटा का पुनः घर – घर जाकर भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया। उन्होंने तीन दिनों में सभी एलएस को आंगनबाड़ी कर्मियों के सहयोग से इसे पूरा करने को कहा। मौके पर उपस्थित सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा ने कई जरूरी जानकारी दी।
बैठक में उपस्थित डीपीएम यूआइडी श्री शैलेंद्र कुमार मिश्र ने आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के आधार पंजीकरण के लिए आयोजित शिविर की जानकारी देते हुए कहा कि पोषक क्षेत्र में शून्य से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों का शत प्रतिशत आधार पंजीकरण सुनिश्चित करें। स्थानीय स्तर पर इसका प्रचार – प्रसार करें।