मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा की। दो चरणों में मतदान होगा: 13 नवंबर और 20 नवंबर। नतीजे 23 नवंबर को महाराष्ट्र चुनाव के साथ आएंगे। बीजेपी और झामुमो के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद, जहां बीजेपी सत्ता वापसी की कोशिश कर रही है और झामुमो भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही है।
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झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे: पहला चरण 13 नवंबर, दूसरा 20 नवंबर।
- नतीजे 23 नवंबर को महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के साथ घोषित किए जाएंगे।
- बीजेपी का सामना झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार से है, जो सत्ता में वापसी का प्रयास कर रही है।
- 2019 के चुनावों में झामुमो गठबंधन ने 47 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं।
- बीजेपी ने जनता से अपील की कि वे बड़ी संख्या में मतदान करें और मौजूदा सरकार को सत्ता से बाहर करें।
- लगभग 2.6 करोड़ मतदाता झारखंड की अगली सरकार का चुनाव करेंगे।
- झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी कि इस बार राज्य में दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण के लिए वोटिंग 20 नवंबर को होगी। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के साथ घोषित किए जाएंगे।झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली मौजूदा गठबंधन सरकार के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है। भाजपा सत्ता में वापसी की कोशिश में है, जबकि जेएमएम, कांग्रेस, और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का गठबंधन सत्ता बनाए रखने के लिए चुनावी मैदान में उतरेगा।2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसमें झामुमो ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 16 सीटें और राजद ने 1 सीट जीती थी। भाजपा ने उस चुनाव में 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव के बाद झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि उन्हें कथित भूमि घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे के कारण चुनावी माहौल गरम है, और विपक्षी दल भाजपा इसे चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
भाजपा नेता प्रतुल शाह देव ने चुनाव आयोग की घोषणा का स्वागत किया और जनता से अपील की कि वे बड़ी संख्या में मतदान करें। उन्होंने कहा, “हम इस निरंकुश, भ्रष्ट और जनविरोधी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए लोगों से बाहर आकर मतदान करने की अपील करते हैं।” लगभग 2.6 करोड़ मतदाता इस बार झारखंड की अगली सरकार का चुनाव करेंगे।
झारखंड विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन और भाजपा के बीच मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है। जहां भाजपा अपनी सत्ता वापसी की कोशिश कर रही है, वहीं झामुमो के नेतृत्व में मौजूदा सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों और सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। 13 और 20 नवंबर को होने वाले मतदान और 23 नवंबर को आने वाले नतीजे राज्य की राजनीति की दिशा तय करेंगे।
- झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का मैदान बेहद रोमांचक होता दिख रहा है। इस बार राज्य में सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। चुनाव का यह संग्राम केवल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि राज्य की राजनीतिक दिशा और भविष्य की योजनाओं को लेकर भी अहम साबित हो सकता है।
- झारखंड के इस चुनावी मुकाबले में सत्ता में बदलाव की संभावनाएं हैं, जो राज्य की राजनीति के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकती हैं। क्या भाजपा अपने पुराने गढ़ को फिर से हासिल कर पाएगी, या फिर झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार जनता का विश्वास जीतकर दूसरी पारी खेल पाएगी—इसका फैसला आने वाले कुछ हफ्तों में होगा।