जमशेदपुर (झारखंड)। सिख धर्म के पहले गुरु श्री नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था। वे एक महान संत, विचारक और समाज सुधारक थे, जिन्होंने मानवता के लिए समानता, प्रेम और सेवा का संदेश दिया।
इस वर्ष 15 नवंबर 2024 गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती मनाया जा रहा है। गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी और उनके विचार आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु हैं, उन्होंने ईश्वर की एकता का प्रचार किया, इस बात पर जोर दिया कि केवल एक दिव्य इकाई है जो धार्मिक सीमाओं से परे है, उनकी शिक्षाएं समानता, करुणा और सामाजिक न्याय पर केंद्रित थीं।
उन्होंने जाति-आधारित भेदभाव और रीति-रिवाजों का पुरजोर विरोध किया और ईश्वर के साथ सच्चे और हार्दिक संबंध बनाने के बारे में लोगों को शिक्षाएं दीं।श्री गुरु नानक देव जी ने समाज से अज्ञानता को भगाने के लिए ज्ञान का प्रकाश किया, इसलिए गुरु नानक देव जी की जयंती को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है।
आज इसी क्रम में सोनारी गुरुद्वारा साहाब से नगर कीर्तन निकाला गया। सोनारी थाना प्रभारी कुमार सरजू आनंद और शांति समिति के सचिव सह अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू अपने पूरे सदस्यों और गुरुजात संघ के सदस्यों के साथ मिलकर सोनारी क्रिश्चियन बस्ती मैदान सेवा शिविर लगाकर नगर कीर्तन में आए हुए सभी बच्चे, माताये, बहने, बड़े बुजुर्ग श्रद्धालुओं के बीच सेवा प्रधान करने हेतु पानी, बिस्कुट, टॉफी, नाश्ता का प्रबंध करके सदस्यों के द्वारा सभी श्रद्धालुओं में वितरण करवाया।