- महिला के मकान का कागज होते हुए भी दर दर भटकने को मजबूर
- आलमबाग थाने में मुकदमा पंजीकृत के बाद भी नहीं मिला महिला को अब तक इंसाफ
- किराएदारों ने महिला मकान को अब तक नहीं किया खाली
आलमबाग, लखनऊ। योगी सरकार जहां महिलाओं के हित में कार्य कर रही है और उन्हें सुरक्षा भी दे रही है, वही अभी भी ऐसी महिलाए भटक रही हैं जिन्हें सिर्फ आश्वाशन मिला है कार्यवाही नहीं हुई। राजधानी लखनऊ के आलमबाग थाने में बीते दिनों में दिए गए तहरीर के अनुसार पीड़िता गुलशन पीटर पत्नि फ्रांसिस ज़ेवियर पीटर निवासी नादरगंज अमौसी की रहने वाली है।
जिसके के नाम एक किला भवन सुजानपुरा आलमबाग में है जिसका भवन न० 556/9 है पीड़िता ने उक्त भवन की देख रेख हेतु अल्लन पुत्र स्व लल्लन को दो कमरे दिया था। इस समय जिस भवन नादरगंज अमौसी में रह रही है वह टूट रहा है। जिस कारण पीड़िता ने बताया कि जब अपना भवन (सुजानपुरा) वाला रह रहे किरायेदार से खाली करने को कहा तो वह गन्दी गन्दी गलियां देते हुए कहा कि या तो 20 लाख हमें दे दो नहीं तो 10 लाख हमसे लेकर मकान हमारे नाम कर दो।
पीड़िता के दो कमरे कि जगह पर पुरे घर पर कब्ज़ा कर लिया है व उसने घर का सारा सामान भी ले लिया है इसमें अल्लन के पुत्र साजिद बुद्ध और रहमान दामाद शामिल भी है। तथा वह धमकी देते हुए कहा कि चाहे थाने पुलिस के पास जाओ मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे ! पीड़िता ने बताया कि आलमबाग थाने में मुकदमा पंजीकृत कर तो दिया गया है । परंतु अभी भी किरायेदार खुलेआम घूम रहे और हमारे मकान पर कब्जा किए बैठे है।
हम मकान मालिक होते हुए भी हमारा परिवार किराए पर रहना को मजबूर है। आलमबाग पुलिस ने सिर्फ मुकदमा पंजीकृत कर अपना पल्ला झाड़ ली है। हमारा परिवार सड़कों पर भटक रहा है। हम पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं है, हमें इंसाफ चाहिए। हमे उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी सरकार पर भरोसा है, इंसाफ जरूर मिलेगा।