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दिनांक 20.02.2024 को अखिल भारतीय सरदार वल्लभ भाई पटेल सेवा संस्थान, अलोपी बाग, प्रयागराज में चल रहे 5 दिवसीय विराट किसान मेला के पंचम दिवस में डा0 रमेश कुमार मौर्य संयुक्त कृषि निदेशक, प्रयागराज, मण्डल, प्रयागराज श्री एस0पी0 श्रीवास्तव उप कृषि निदेशक, प्रयागराज, श्री विजय सिंह पूर्व उप कृषि निदेशक चन्दौली, श्री सुभाष मौर्य जिला कृषि अधिकारी, श्री मुकेश कुमार जिला कृषि रक्षा अधिकारी, श्री सुरेन्द्र प्रताप सिंह भूमि संरक्षण अधिकारी फूलपुर एवं श्रीमती अर्पिता राय, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी-सोरांव, श्री विकास मिश्रा अपर जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज, शुआट्स के कृषि वैज्ञानिक डा0 मुकेश पी0एम0, कृषि वैज्ञानिक शुआट्स नैनी, डा0 मदन सेन तथा वैज्ञानिक डा0 अजय सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र कौशाम्बी द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती प्रीती त्रिपाठी द्वारा किया गया।
वैज्ञानिक डा0 मुकेश पी0एम0, शुआट्स नैनी ने फसल प्रबन्धन के बारे में बताया कि फसल की त्रुटिपूर्ण बुवाई करने से पैदावार कम होती है। कृषक भाई हमेशा पूर्व से पश्चिम दिशा की लाइनों में बीजों की बुवाई करें जिससे पौधा स्वस्थ एवं मोटे दाने का उत्पादन होगा जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। कृषक अपने फसल अवशेष को नष्ट करने के लिये खेत में डी-कम्पोजर का प्रयोग करें।
वैज्ञानिक डा0 अजय सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र कौशाम्बी ने जायद में उर्द एवं मूंग की खेती के महत्व के बारे में बताते हुए, मूंग के सम्राट, आई0पी0एम0-2 एवं विराट प्रजाति की खेत में बुवाई 01 फरवरी से 15 मार्च तक करने की सलाह दिया। बीज उत्पादन के लिये सामुदायिक सहभागिता को अपनाकर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। आधारीय एवं जनक बीज की अनुवांशिकता 99 प्रतिशत होती है। फसल चक्र अपनाकर मृदा की उर्वरता शक्ति को बरकरार रखा जा सकता है जिससे अनावश्यक कीटनाशक की आवश्यकता नहीं पड़ती है, 10 ली0 पानी में 200 ग्राम राइजोबियम कल्चर, पी0एस0बी0 कल्चर एवं गुड़ के सीरे में प्रयोग करने से मृदा की उर्वरता बढ़ती है साथ ही खेतों की निराई मजदूरों से करानी चाहिए जिससे एक बार में ही खेतों से खरपतवार समाप्त हो जाते हैं। यदि आवश्क हो तो उर्द मूंग में खरपतवार की रोकथाम के लिये पेंडामिथलीन का प्रयोग किया जा सकता है।
डा0 योगेश श्रीवास्तव कृषि वैज्ञानिक शुआट्स नैनी के द्वारा मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन के विषय में जानकारी देते हुए गहरी जुताई से कीटों की सूंड़ी, अण्डे एवं प्रौढ़ तेज धूप से नष्ट हो जाते हैं एवं मृदा संरचना में सुधार होता है, जिससे जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है साथ ही मृदा के नीचे जो कड़ी परत तैयार हो जाती है वह भी नष्ट हो जाती है जिससे मृदा केसिका के माध्यम से या हानिकारक रसायन एवं सोडियम लीचकर नीचे चले जाते हैं।
डा0 कुलभूषण सिंह एन0जी0ओ0 संचालक प्रयागराज ने बताया कि योग और आयुर्वेद का जीवन में शारीरिक विकारों पर नियंत्रण पाया जा सकता है जिसके द्वारा माईग्रेन व सर्वाइकल दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
जी0सिंह0 डिग्री कालेज सहसों प्रयागराज के छात्र प्रदीप कुमार द्वारा हाईटेक नर्सरी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि अमरुद उत्पादक किसानों के लिये दिसम्बर, जनवरी का महीना अति महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यही समय होता है जब अमरुद के पौधें की कटिंग करनी चाहिए जिससे अगली फसल का उत्पादन बेहतर हो सके। अमरुद के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले लाभकारी प्रभावों के बारे में बताया गया कि इसमें विटामिन सी, ए तथा बी के साथ आयरन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
समापन दिवस पर विराट किसान मेले में लगाये गये समस्त स्टालों को सहभागिता प्रमाण पत्र संयुक्त कृषि निदेशक महोदय, प्रयागराज मण्डल, प्रयागराज द्वारा प्रदान किया गया।
विराट किसान मेला में कृषकों की जानकारी के लिए 46 विभागों/संस्थाओं द्वारा स्टाल लगाये गये हैं जिससे जानकारी प्राप्त कर कृषक लाभान्वित हो रहे है ंतथा मेले में 1275 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन कर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
अन्त में जिला कृषि रक्षा अधिकारी, प्रयागराज द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ पांच दिवसीय विराट किसान मेले का समापन किया गया।