रिपोर्ट:कुलदीप त्रिपाठी
बांदा। रक्षाबंधन का त्योहार जिले में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों के कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर रक्षा का संकल्प दिलाया। लोगों ने इस बार शुभ मुहुर्त को देखते हुए बहनों से कलाई पर राखी बंधवाई। बहनों ने राखी की थाली सजाईं उसमें रोली, कुमकुम, अक्षत, दीपक और राखी रखे थे, इसके बाद भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में राखी बांधी। भाई की आरती उतारीं फिर मिठाई खिलाई अपनी सुरक्षा और सम्मान की कामना की। सुबह से ही भद्राकाल लगने के कारण राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बाद का था। इस तरह से राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बाद से लेकर रात 09 बजकर 31 मिनट तक रहा। रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के अनूठे संबंध को और गहरा करने का पर्व है। रक्षाबंधन को लेकर पौराणिक और ऐतिहासिक परंपरा रही है। कहा जाता है की असुर देवता संग्राम में इंद्र को उनकी पत्नी इंद्राणी ने अभिमंत्रित रेशम का धागा बांधा था, जिसकी शक्ति से वे विजयी हुए। भगवान श्री कृष्ण को द्रौपदी द्वारा उनके घायल उंगली में साड़ी की पट्टी बांधने को भी रक्षाबंधन से जोड़कर देखा जाता।