…बिना कार्य के ही प्रतिदिन लगाई जा रही हजारों मजदूरों की फर्जी हाजरी
महराजगंज। बृजमनगंज विकास खंड में कुछ माह से मनरेगा में हाजरी के नाम पर बड़ा खेल विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से किया जा रहा है।
शुक्रवार को मनरेगा योजना के तहत बड़िहारी, बेलौही, डकही, इलाहबास, दुबौलिया, राजपुर बुजुर्ग, जिगिनिहा, कोल्हुई, लब्दहा, गुजरौलिया, हताबेला हरैया सहित अन्य गांवों में फर्जी फोटो अपलोड कर हाजरी लगाई जा रही है। फर्जी तरीके से धड़ल्ले से मस्टर रोल चल रहा है। कहीं पांच तो कहीं 10 मजदूरों के बदले 50 व 100 की हाजरी लगाई जा रही है। तो कहीं बिना कार्य के ही पुरानी फोटो अपलोड कर सैकड़ो लोगों की हाजरी लगाई जा रही है। 20 जून को ग्राम पंचायत धरैचा के सोनपीपरी में चकबंद कार्य में पुरानी फोटो का मोबाइल से फोटो खींच कर अपलोड कर दो कार्यों पर 13 मस्टर रोल पर 125 मजदूरों की हाजरी लगाई गई। इतना ही नहीं इसी में जिम्मेदारों द्वारा उल्टा फोटो साइट पर अपलोड कर हाजरी लगा दी गई। मैनहवा में बारिश के बाद भी सुखी जमीन का मोबाइल से फोटो खींच कर अपलोड कर तीन कार्यों पर 15 मस्टर रोल जारी कर 141 मजदूरों की हाजरी लगाई गई। कुछ दिनों पूर्व दुर्गापुर में भी पोखरी के खोदाई के नाम पर हाजरी लगाई गई है जबकि कार्य कुछ माह पहले ही जेसीबी से करवा दी गई है। अब 28 जून को बेलौही में 51 व बड़िहारी 81 मजदूरों की हजारी बिना कार्य के ही लगाई जा रही जबकि पुरानी फोटो अपलोड कर अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। वहीं राजपुर बुजुर्ग में मौजूद 12 लोगों के स्थान पर 89, दुबौलिया में भी 12 के स्थान पर 40, डकही में पांच मजदूरों की जगह 69, इलाहाबास में 10 की जगह 65, जिगिनीहा में 20 की जगह 102, गुजरौलिया में तीन को मिला कर कुल लगभग 50 से 60 मजदूरों की जगह 175, कोल्हुई में 97 लब्दहा में 37 मजदूरों फर्जी हाजरी शुक्रवार को लगाई गई।
ब्लाक के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी फोटो अपलोड कर धड़ल्ले से हाजरी लगाने का खेल खेला जा रहा है। सचिव व प्रधान अधिकारियों को गुमराह करने के लिए तमाम हथकंडे अपनाने में लगे हुए है। फर्जीवाड़ा सामने आने पर लीपापोती कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जा रहा है। लेकिन किसी भी फर्जीवाड़े मामले में कार्रवाई न होने से सचिव व प्रधान बेखौफ फर्जीवाड़े करने में लगे हुए है। अब तो ग्रामीण भी सवाल कर रहे है कि आखिर अधिकारी फर्जी हाजरी पर क्यों मौन धारण किए है। कहीं फर्जी हाजरी के पीछे अधिकारियों का मिली भगत तो नही। या तो रोजगार सेवक, सचिव व प्रधान के माध्यम से अधिकारियों का कमीशन पहले से ही तय हो चुका होगा।