तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलने के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, ‘मैंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है। मंदिर के प्रसाद (लड्डू) की जांच कराई जाएगी।’
कैसे शुरू हुआ विवाद: यह विवाद तब शुरू हुआ जब राज्य के CM नायडू ने जगन मोहन सरकार पर मंदिर के लड्डू में पशु की चर्बी मिलाने का आरोप लगाया। नायडू ने कहा, ‘पिछले 5 साल में YSR कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। यहां के लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। हम शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ नायडू की पार्टी TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा किया। YSR कांग्रेस ने हाईकोर्ट से नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की। कोर्ट इस पर 25 सितंबर को सुनवाई करेगा।
रोजाना 3 लाख से ज्यादा लड्डू बनते हैं: श्री वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में तिरुमाला पहाड़ी पर बना है। यह तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। इन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। मंदिर के 300 साल पुराने किचन में रोजाना 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट हर साल प्रसादम से सालाना 500 करोड़ रुपए कमाता है।