“रायबरेली: सीएचसी खीरों में चौकीदार से इलाज, फार्मासिस्ट को पैसा लेकर छुट्टी; स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे”

रायबरेली। खीरों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह अव्यवस्था की शिकार हो चुकी हैं। यहां डॉक्टरों और स्टाफ की मनमानी के चलते मरीजों का इलाज चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और अप्रशिक्षित स्टाफ के भरोसे किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में चौकीदार राजेश कुमार घायलों की मरहम-पट्टी करता नजर आ रहा है, जबकि एक साल पहले अप्रेंटिस पूरी कर चुका डी.फार्मा डिप्लोमाधारी युवक नियम विरुद्ध तरीके से इंजेक्शन लगाता दिख रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, फार्मासिस्ट राजीव सेंगर को हर महीने पैसा लेकर ड्यूटी से छुट्टी दे दी जाती है। उनकी जगह बिना नियम-कायदे के अप्रेंटिस पूरा कर चुका युवक मरीजों का इलाज कर रहा है। वार्ड बॉय ड्यूटी के समय एसी रूम में आराम करता मिला।

थाना क्षेत्र के रायपुर गांव के पास लालगंज से लौटते वक्त बाइक की आमने-सामने भिड़ंत में घायल हुए झल्ला (19) और गुड्डू (22) को सीएचसी लाया गया। जहां चौकीदार और अप्रेंटिस युवक ने उनका इलाज किया।

डॉ. सुनील यादव ने बताया कि घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। पर सवाल यह है कि चौकीदार इलाज कैसे कर रहा है? अप्रेंटिस डिप्लोमाधारी किस अधिकार से इंजेक्शन लगा रहा है? लैब टेक्नीशियन द्विजेंद्र शर्मा को क्लर्क का काम क्यों दिया गया? स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम सवालों के घेरे में है।