बंथरा में कजरी तीज पर श्री रितेश्वर महादेव धाम पर भव्य मेला और दंगल का आयोजन

शकील अहमद

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरोजिनी नगर के बंथरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत कजरी तीज के पावन अवसर पर मंगलवार को श्री रितेश्वर महादेव धाम (बनी) में भव्य मेले और ऐतिहासिक दंगल का आयोजन हुआ। यह मेला क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है, जिसमें आस-पास के जिलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु और कुश्ती प्रेमी जुटे।

दंगल का शुभारंभ और रोमांचक मुकाबले

मेले में आयोजित दंगल का उद्घाटन समाजसेवी शिव शंकर सिंह चौहान ने पारंपरिक तरीके से पहलवानों का हाथ मिलवाकर किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष और पूर्व प्रधान राकेश सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस दंगल में प्रदेश के दो दर्जन से अधिक जिलों के नामी पहलवानों ने भाग लिया।

दंगल केसरी का खिताब अमरूदही बाग के इंटरनेशनल चैम्पियन विकास ने लखनऊ के विपुल नंदनी को चित कर जीता। ₹5,000 से ₹21,000 तक की इनामी कुश्तियों ने दंगल को और भी रोमांचक बना दिया।

विकास अमरूदही बाग और नितिन दिल्ली का मुकाबला बराबरी पर रहा।

कुलदीप (साईं सेंटर) ने पंकज माती को हराया।

कृष्णा पहलवान (लखनऊ) ने नगीना पहलवान (मलिहाबाद) को मात दी।

शनि (मलिहाबाद) ने विपिन (बंथरा) को परास्त किया।

बॉबी मिश्रा (लखनऊ) ने रामदत्त (हरदोई) को हराया।

सार्थक (अमरूदही बाग) ने अनुतोष (गढ़ी मवैया) को पछाड़ा।

खरजू रफी (गढ़ी, उन्नाव) ने मनोज (गोरखपुर) को चित किया।

शमशाद (कानपुर) ने श्यामजी (फर्रुखाबाद) को हराया।

सर्वेश तिवारी (संतकबीर नगर) ने विपुल (लखनऊ) को परास्त किया।

मनोज (गोरखपुर) ने अविनाश (लखनऊ) को हराया।

विकास (जालौन) ने राहुल (कन्नौज) को हराया।

आकाश (गाजियाबाद) ने दीपक (कानपुर) को हराया।

राजकुमार (कानपुर) ने साबित (बाराबंकी) को चित किया।

विशिष्ट अतिथि और सामाजिक भागीदारी

इस अवसर पर पूर्व विधायक राधेलाल रावत, ग्राम प्रधान रमेश गुप्ता, भाजपा नेता राजकुमार सिंह चौहान, प्रधान संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष जगनायक सिंह चौहान, पूर्व प्रधान राकेश सिंह, शिवनारायण सिंह, विनय दीक्षित, विकास सिंह, सज्जन पाल, संदीप ढल सहित क्षेत्र के अनेक सम्मानित लोग मौजूद रहे।

सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक

कजरी तीज का यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि ग्रामीण संस्कृति, लोककला और खेलों के प्रति लोगों के उत्साह को भी प्रदर्शित करता है। आयोजकों के अनुसार, यह दंगल वर्षों से ग्रामीण परंपरा का हिस्सा रहा है और आने वाले समय में इसे और भव्य स्वरूप देने की योजना है।