रायबरेली। केंद्र सरकार द्वारा सेवा शर्तों में गुपचुप तरीके से किए गए संशोधन और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसे बाध्यकारी बनाने से आहत शिक्षकों ने सोमवार को आपात बैठक की। यह बैठक उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, शाखा रायबरेली के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में पूमावि चक अहमदपुर नजूल में संपन्न हुई।
जिलाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सेवा शर्तों में संशोधन और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरा शिक्षक समाज हतप्रभ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने खेल के बीच में नियम बदल दिए हैं, जो अन्यायपूर्ण है।
जिला संघर्ष समिति अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि शिक्षकों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। आगामी *16 सितम्बर को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी रायबरेली को सौंपा जाएगा।
10 लाख से अधिक शिक्षकों पर संकट
जिला मंत्री मुकेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि संशोधन से पूरे देश में 10 लाख से अधिक सरकारी शिक्षक बेरोजगारी के खतरे से जूझ रहे हैं। वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश कुमार यादव ने कहा कि शिक्षक हमेशा सरकार द्वारा तय किए गए भर्ती मानकों का पालन करके ही चयनित हुए हैं। वही जनपदीय उपाध्यक्ष डॉ. बृज किशोर ने साफ कहा कि अब अपनी आजीविका बचाने के लिए क्रमबद्ध लड़ाई लड़ी जाएगी।
बैठक में जगह-जगह के अध्यक्ष और पदाधिकारियों ने भी अपनी राय रखी
डा. चंद्रमणि बाजपेई ने कहा कि सरकार की मंशा शिक्षक समाज को तबाह करने की है।
जटाशंकर बाजपेई ने सवाल उठाया कि खेल के बीच में नियम बदलना कहां का न्याय है।
डा. संजय सिंह (जगतपुर अध्यक्ष) ने कहा कि अब संघर्ष के अलावा कोई चारा नहीं है।
राकेश द्विवेदी (सरेनी अध्यक्ष) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय 2 वर्ष बाद लाखों शिक्षकों को सेवा से बाहर कर देगा।
आत्महत्या करने वाले शिक्षक को श्रद्धांजलि
बैठक के अंत में टीईटी विवाद के चलते नौकरी जाने के भय से फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले शिक्षक मनोज साहू को श्रद्धांजलि दी गई। शिक्षकों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा और संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर दिनेश सिंह, अनुराग शुक्ला, आकाश त्रिपाठी, योगेश सिंह, अमन शुक्ला, अशोक पाल, कमलेश ओझा, राजेश पांडेय, रमेश सिंह, सुरेंद्र यादव सहित तमाम शिक्षक पदाधिकारी मौजूद रहे।