उन्नाव। पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर उठते सवाल एक बार फिर चर्चा में हैं। मंगलवार शाम बिहार थाना क्षेत्र में पत्रकार सौरभकांत द्विवेदी और उनके सहयोगी अंकित कुमार के साथ मारपीट कर 50 हजार रुपये लूटे जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित पत्रकार ने क्षेत्राधिकारी बीघापुर को प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस सुरक्षा की मांग की है।
पत्रकार अपने सहयोगी के साथ बीघापुर लौट रहे थे। इसी दौरान मलौना चौराहे पर घात लगाए बैठे आरोपी अनूप कुमार सिंह (देवीखेड़ा), अखिल सिंह उर्फ अन्नू (गौरा) और मूसा (रावतपुर) ने अवैध कट्टा दिखाकर गाड़ी रोक ली।
आरोप है कि मारपीट कर जेब में रखे 50 हजार रुपये लूट लिए गए और दोनों को बंधक बनाकर गौरा मोड़ ले जाया गया। वहां जमकर पिटाई करने के बाद उन्हें बालाजी धर्मकांटा के एक कमरे में बंद कर जान से मारने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं, जबरन कहलवाया गया कि वे भैंस चोर हैं।
पत्रकार ने बताया कि अखिल सिंह अवैध लकड़ी कटान के धंधे से जुड़ा है और उसके खिलाफ प्रकाशित खबरों से नाराज चल रहा था। वहीं, पंकज पटेल उर्फ लकी पर भी घटना में शामिल रहने और लोकेशन साझा करने का आरोप है।
पत्रकारों पर बढ़ते हमले
हाल के वर्षों में पत्रकारों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कभी खुलासों की वजह से तो कभी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से टकराव के चलते पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों से पत्रकारों पर मारपीट, धमकी और फर्जी मुकदमों की खबरें आती रही हैं। इससे न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठते हैं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
सुरक्षा की मांग
पीड़ित पत्रकार ने कहा कि सभी आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति के हैं और किसी भी समय जान से मार सकते हैं। उन्होंने पुलिस से तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी और पत्रकारों को सुरक्षा दिए जाने की मांग की है।