- अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा निजी पैथोलॉजी का एजेंट
रायबरेली। कमीशन के चक्कर में सीएचसी खीरों में बाहर की महंगी खून जांच कराने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को उठे मामलों के बावजूद मंगलवार को भी कई महिलाओं को मजबूरन निजी पैथोलॉजी से महंगी जांच करानी पड़ी। हैरानी की बात यह रही कि निजी पैथोलॉजी का एक एजेंट सीएचसी की इमरजेंसी में ही महिलाओं का सैंपल लेने पहुंच गया।
मंगलवार दोपहर बाद सीएचसी में पहुंचीं कई महिला मरीजों ने बताया कि ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने उन्हें बाहर की पैथोलॉजी से जांच कराने के लिए विवश किया। दो महिलाओं ने जब मना किया तो भी उन्हें बाहर से जांच करानी पड़ी। झमकोरियापुर गांव से पहुंची एक गर्भवती महिला ने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर मौजूद नर्स पूर्णिमा ने भी बाहर की पैथोलॉजी से जांच कराने का दबाव बनाया। नाराज होकर वह बिना इलाज कराए ही लौट गई।
इस मामले में इमरजेंसी ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर मनोज मिश्रा ने कहा कि महिलाओं की जांच और प्रसव की जिम्मेदारी नर्सों की होती है, उनका इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। वहीं सीएमओ डॉ. नवीन चंद्रा ने साफ कहा कि बाहर की पैथोलॉजी से जांच कराना गलत है, अगर बार-बार मना करने पर भी ऐसा किया जा रहा है तो कार्रवाई होगी।
प्रसव में वसूली और अभद्रता की भी शिकायतें
सीएचसी की नर्स पर पहले भी प्रसव के नाम पर वसूली और मरीजों से अभद्र व्यवहार के कई आरोप लग चुके हैं। क्षेत्र के विभिन्न गांवों से शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन सीएचसी अधीक्षक ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की और हर शिकायत को दबा दिया।
स्वास्थ्य मंत्री से हस्तक्षेप की मांग
ग्रामीणों व मरीजों ने स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से इस मामले में हस्तक्षेप कर सीएचसी खीरों की कार्यप्रणाली की जांच कराने तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई है।