- रात के अंधेरे में कटवाया गया विशालकाय आम का पेड़
- ठेकेदार ने कीमती लकड़ी पार की, बेकार लकड़ी छोड़ी
- वन विभाग और पुलिस पर मामले को दबाने के आरोप
- बिना परमिशन पेड़ कटवाने के मामले में सीएचसी अधीक्षक पर हो चुकी है कार्रवाई
रायबरेली। खीरों थाना क्षेत्र के सेमरी स्थित जीआईसी कॉलेज परिसर में खड़े एक विशालकाय सरकारी आम के पेड़ को चोरी-छिपे कटवाकर बेच देने का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि कॉलेज के प्रिंसिपल ने चपरासी की मिलीभगत से एक ठेकेदार को बुलवाकर पेड़ कटवा दिया और कीमती लकड़ी ठेकेदार द्वारा उन्नाव जिले के बिहार गांव तक पार कर दी गई।
ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत उठाई तो पूरे मामले में हड़कंप मच गया। आरोप है कि वन विभाग और सेमरी चौकी पुलिस पैसे लेकर मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।
रात के अंधेरे में कटे पेड़ की लकड़ी पार
सूत्रों के अनुसार पेड़ को रात में बिना किसी परमिशन के काटा गया। रस्सों की मदद से पेड़ को खींचकर गिराया गया जो कॉलेज परिसर में बने एक खंडहर पड़े कमरे पर गिरा। ठेकेदार ने बीच की मोटी और कीमती लकड़ी को काटकर पार कर दिया, जबकि दिखावे के लिए मौके पर सिर्फ बेकार की लकड़ी छोड़ दी गई।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सेमरी चौकी इंचार्ज ने भी ठेकेदार से मिलकर मामले को दबाने के लिए रकम ली। वहीं इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है।
पहले भी कट चुके हैं पेड़
ग्रामीणों का आरोप है कि जीआईसी कॉलेज में इससे पहले भी चोरी-छुपे पेड़ों को काटकर लकड़ी बेची जा चुकी है।
यही नहीं इसी वर्ष जनवरी में खीरों सीएचसी परिसर में खड़े शीशम के दो कीमती पेड़ों को भी तत्कालीन अधीक्षक डॉ. भावेश सिंह ने बिना अनुमति कटवा दिया था। उस समय खबरें अखबारों में छपने के बाद वन विभाग ने मामले में जुर्माना और केस दर्ज किया था। हालांकि विभागीय कार्रवाई आज तक अधूरी ही है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने जीआईसी प्रिंसिपल और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि बार-बार बिना परमिशन पेड़ कटवाने और लकड़ी बेचने के मामलों पर वन विभाग की ढिलाई से ही इस तरह की हिम्मत की जा रही है।