उपायुक्त के निर्देशानुसार नोडल पदाधिकारियों ने पंचायत/वार्ड भ्रमण कर जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की
लाभुकों से संवाद कर योजनाओं का लाभ लेने के लिए किया प्रेरित
जमशेदपुर (झारखंड)। उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार जिले के सभी प्रखंड और नगर निकाय के लिए नियुक्त नोडल पदाधिकारियों द्वारा प्रत्येक गुरुवार को पंचायतों और वार्डों का दौरा कर योजनाओं की प्रगति और सेवाओं की वास्तविक स्थिति की समीक्षा की जाती है। इस अभियान के तहत आज उप विकास आयुक्त श्री नागेन्द्र पासवान ने पटमदा के गोबरघुसी पंचायत, निदेशक एनईपी श्री संतोष गर्ग ने गुड़ाबांदा के भालकी, कार्यपालक दण्डाधिकारी श्री सुदीप्त राज ने जमशेदपुर सदर के उत्तरी बागबेड़ा, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री मनोज कुमार ने घाटशिला के मऊभंडार पश्चिम, एसओरआर श्री राहुल आनंद ने धालभूमगढ़ के पावड़ा नरसिंहगढ़, जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने डुमरिया के अस्ताकोवाली, डीसीएलआर धालभूम श्री सचिदानंद महतो ने पोटका का हल्दीपोखर पूर्वी, एसडीएम धालभूम श्री चंद्रजीत सिंह ने बोडाम के रसिकनगर समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी ने पंचायत व तीनों नगर निकाय में वार्डों का निरीक्षण किया।
नोडल पदाधिकारियों ने आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, जन वितरण प्रणाली दुकान, मनरेगा कार्यस्थल और पंचायत भवनों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित सुविधाओं की उपलब्धता, गुणवत्ता और नागरिकों तक इनकी पहुंच को परखा गया।
उप विकास आयुक्त द्वारा क्षेत्र भ्रमण के क्रम में गोबरघुसी के संथाल टोला में पीएमजनमन आवास योजना /अबुआ आवास एवं मनरेगा से संबंधित योजनाओं का भौतिक निरीक्षण किया गया । इस दौरान उन्होने निर्माणाधीन आवास के कार्य में तेजी लाने हेतु मिस्त्री बढ़ाते हुए 10 दिनों के अंदर पूर्ण कराने के निर्देश पंचायत सचिव एवं प्रखंड समन्वयक, आवास योजना को दिए।
विद्यालयों के निरीक्षण में नोडल पदाधिकारियों द्वारा उपायुक्त के नेतृत्व में शुरू की गई सिकुई- दिकुई अभियान की जानकारी छात्र-छात्राओं को दी गई तथा बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन हेतु मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन दिया गया ।
जिला प्रशासन द्वारा इस अभियान से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित मानकों के अनुरूप हो और लाभार्थियों को सुविधाएं समय पर तथा पारदर्शी तरीके से प्राप्त हों । यह प्रक्रिया एक नियमित अनुश्रवण अभ्यास है, जिसका उद्देश्य न केवल योजनाओं की समीक्षा करना है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर सुधारात्मक कदम उठाना भी है।