झांसी महानगर: कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 का सख्ती से अनुपालन हो-जिलाधिकारी

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झांसी दिनांक 18 जुलाई 2023

विशाखा अधिनियम- 2013 का जनपद में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए जिसमे समस्त कार्यालयों में महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी उपलब्ध कराई जाय :- जिलाधिकारी

कार्यालयों में विशाखा कमेटी का गठन हो और संवेदनशीलता के साथ हो संचालित

महिलाओं को कार्यस्थल पर स्वस्थ्य/स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराए जाने के निर्देश

कार्यालयों में मात्र औपचारिकता ना हो, इसे सफल बनाने के लिए संवेदनशील होकर कार्य करें

कार्यस्थल में नियमानुसार आंतरिक समिति का गठन ना किए जाने पर दोषी पर लगाया जाएगा ₹50000/- का अर्थदण्ड

   आज कलेक्ट्रेट में जन सुनवाई के दौरान मिशन शक्ति फेज-3 के अन्तगर्त  जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने ‘‘कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम- 2013’’ के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन किए जाने के दिए निर्देश।
    जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रख्यापित महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013" अधिनियम की धारा- 4 के अनुपालन में जनपद स्तर के ऐसे प्रत्येक शासकीय, अद्ध॔शासकीय एवं अशासकीय (निजी) विभाग, संगठन, स्थापन, उद्यम, संस्था, शाखा अथवा यूनिट में जहां कर्मियों की संख्या 10 से अधिक है, ऐसे सभी कार्यालयों के नियोजकों द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न संबंधी शिकायतों की जांच हेतु "अंतरिक परिवार समिति" का गठन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। 
   जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने कहा कि व्यथित महिला कार्यस्थल पर हुए लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित शिकायत उस कार्यस्थल हेतु गठित आंतरिक परिवार समिति में दर्ज करा सकती है। समिति का गठन उस कार्य स्थल पर वरिष्ठ स्तर पर नियोजित महिला की अध्यक्षता में होगा जिसमें 02 सदस्य संबंधित कार्यालय से एवं 01 सदस्य गैर सरकारी संगठन से नियोजक द्वारा नामित किया जाएगा। समिति के कुल सदस्यों में से आधी सदस्य महिलाएं होंगी इसे अवश्य सुनिश्चित किया जाए।
   जिलाधिकारी द्वारा जनपद के समस्त कार्यालयध्यक्ष को निर्देश दिये  कि कार्यालय में अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त ऐसे कार्य स्थल जहां कार्मिकों की संख्या 10 से कम है,वहां की व्यथित महिला द्वारा इस प्रकार के लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत जिलाधिकारी द्वारा गठित स्थानीय समिति में दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि कोई नियोजक अपने कार्यस्थल में नियमानुसार आंतरिक समिति का गठन ना किए जाने पर सिद्ध दोष  ठहराया जाता है, तो नियोजक पर ₹50000/- तक का अर्थदण्ड आरोपित किए जाने का प्रावधान है तथा नियोजक दूसरी बार सिद्ध दोष ठहराये जाने पर पहली दोष सिद्ध पर आरोपित दण्ड से दुगने दण्ड का दायी होगा।
    जिलाधिकारी ने समस्त कार्यालय अध्यक्षों को निर्देशित किया की अभी तक जिन कार्यालयों में आंतरिक समिति का गठन ना किया गया हो वह तत्काल गठित करते हुए कथन की सूचना तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें उन्होंने कहा कि जिन कार्यालयों द्वारा उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया जाएगा उनके विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी।  

उन्होंने निर्देश दिए कि विशाखा कमेटी का गठन करते हुए अधिनियम के महत्वपूर्ण बिंदुओं को पंपलेट के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जाए, जिससे कार्यालय में कार्य करने वाली महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं के अधिकारों का अतिक्रमण होता है तो उसकी जानकारी वह कैसे दें, उन्हें ऐसा माहौल दिया जाए कि वह अपनी शिकायत को बड़े प्रभावी ढंग से रख सके।

टीम मानवाधिकार मीडिया से ब्यूरो रिपोर्ट झांसी।