जालौन: चुर्खी रोड पर स्थित अलखिय बंजारा देवी मंदिर पर तीसरे दिन महादेव का पूजन अर्चन बड़े उत्साह के साथ कथा सुनकर किया

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24 जुलाई 2023। बुंदेलखंड जालौन समाचार
अलखिया मंदिर चुर्खी रोड जालौन में श्रद्धालुओ ने सावन के तीसरे सोमवार की पूजा एवं मलमास के सातवें दिन की कथा वडे चाव एवं उमंग पूर्वक सुनी।

जालौन के मोहल्ला फर्दनवीस में चुर्खी रोड पर मां दुर्गा सतचंडी देवी , अलखिया बैरागी बंजारा मंदिर के नाम से जिसकी प्रसिद्धि है पर श्रावण के तीसरे सोमवार की पूजा भक्तों ने शिव लिंग की गंध अक्षत पुष्प बेलपत्र धूप दीप नैवेद्य आदि लगाकर श्रद्धालु माताओ बहनों और पुरुषों ने मंदिर की व्यवस्था अनुसार क्रमबद्ध तरीके से पूजा अर्चना आदि उमंग पूर्वक की, वहीं पर मंदिर के संचालक व प्रबंधक/ पुजारी रूपनारायण गोस्वामी शास्त्री ज्योतिषाचार्य जो कि आजकल नगर मोहल्ला के श्रद्धालु माताओं बहनों को मल मास की कथा सुनाते हुए प्रसंग बस बताया की द्रोपती पूर्व जन्म में एक ऋषि पुत्री थी जिन्होंने मलमास का निरादर किया था उसके कारण उन्हें तीन जन्म तक ब्रम्हा, विष्णु की उपासना पर भी पति प्राप्त नहीं हुआ अन्त में भगवान शिव की पूजा आराधना करके उन्होंने पांच बार भगवान शिव के प्रकट होने पर कहा था कि मुझे पति चाहिए, पति चाहिए, पति चाहिए ,पति चाहिए,पति चाहिए ऐसा 5 बार कहकर वर मांगा था तो भगवान शिव ने वरदान दिया था कि आपके मुख से 5 वार कहकर पति मांगने का बरदान मागा इस कारण आप के पांच पति होंगे परंतु इस जन्म में नहीं अगले जन्म में और इस प्रकार महाराज जी ने कथा के दौरान प्रसंग वश कहा कि “खाते-पीते युग गए सभी नशा बेकार। राम खुमारी नाम की जो चढ़ी रहे दिन रात।। ” अर्थात जन्म जन्मांतर से मनुष्य 5 विषयों का विषय भोग भोगता हुआ कई जन्मों से यह जीव चला आ रहा है जिसका नशा उतारे से भी नहीं उतर रहा है उसे विषयो से निवृत्ति पाने के लिए भगवान का भजन, सत्संग और उनके प्रिय मधुर कथा है जिससे चित्त निर्मल व शुद्ध होकर के भगवान के भजन सत्संग कथा में मन लगता है ,और वहुत कुछ कहा कि “यह संसार हॉट बनिए की, सब जग सौदे आयो ।चतुर तो माल चौगुना कीना मूर्ख मूल गवायो।।मूर्ख मूल गवायो।।” राम नाम के कारण सव धन डारे खोय। मूर्ख जाने गिर गयो वह दिन दिन दूना होय।। दिन दिन दूना होय।। आदि आदि इस तरह सावन के तीसरे सोमवार की पूजा का यह ताता अलखिया मंदिर पर लगभग पूरे दिन चलता रहा और मलमास के मास की कथा श्रद्धालुओं ने बड़े चाव से सुनी और भगवान शंकर पार्वती व राधा कृष्ण की मूर्ति की गंध अक्षत दूर्वा,तुलसीदल व मंजरी आदि से की जिसमें अनगिनत माताये वहिने उपस्थित रहीं।

मानवाधिकार मीडिया से ब्यूरो चीफ व वरिष्ठ पत्रकार रूपनारायण गोस्वामी जालौन की रिपोर्ट।