बेदखली का आदेश! फिर भी 32 वर्षो से अतिरिक्त एसडीएम कोर्ट वादी को नही दिला पाई कब्जा

रायबरेली
  • माननीय हाइकोर्ट ने मामले का लिया संज्ञान, तीन महीने में वाद को निस्तारित करने का दिया निर्देश
  • एसडीएम की सह पर थाना प्रभारी गुरुबक्सगंज कर रहे भूमिधरी जमीन पर कब्जा

रायबरेली। जहाँ एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जनता की समस्याओं को सुनने तथा गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण करने के लिए अपने अधीनस्थों को आदेशित कर रहे है। परंतु मुख्यमंत्री के आदेशों के विपरीत रायबरेली जिले के अधिकारी कार्य कर रहे है। लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब द्वारा पिछले दिनों रायबरेली में जन सुनवाई किया तथा अधिकारियों को निर्देशित किया कि पीड़ितों की समस्या सुनकर तुरंत निस्तारित करे , परंतु रायबरेली में तो रामराज्य चल रहा है। जिलाधिकारी को 10 दिन पूर्व प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर सीओ लालगंज को जांच करने के लिए निर्देशित किया गया। परंतु आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।

रायबरेली में पुलिस ही सरकार की योजनाओं को पूरा होने में अड़ंगा लगा रही है। पुलिस स्वयं भूमिधरी जमीन पर कब्जा कर रही है। मामला पुलिस से सम्बंधित है तो जिले के अधिकारी भी टाल मटोल कर रहे है।

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पुलिस के खिलाफ शिकायत इसीलिए अधिकारी कर रहे टाल- मटोल

रायबरेली। मामला गुरुबक्शगंज थाना क्षेत्र के कस्बे का है। जहाँ भूमि विवाद किसी और से नही बल्कि गुरुबक्शगंज पुलिस खुद पार्टी बनकर परेशान कर रहे है।आपको बता दें कि गुरुबक्शगंज थाने के पीछे भूमिधरी जमीन गाटा संख्या 661,662,663 व 664 थाने से सटी हुई है। लगभग 50 वर्ष पूर्व सन 1975 में गुरबक्श गंज थाना प्रभारी द्वारा बाउंड्री वाल का विस्तार करने के दौरान उपरोक्त गाटा संख्या में अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया था।

इस अवैध कब्जे को हटाने के लिए 1 मार्च 1983 को पीड़ितों ने अतिरिक्त परगना अधिकारी सदर के न्यायालय में मुकदमा किया और अतिरिक्त न्यायालय परगना अधिकारी सदर के कोर्ट में 8 वर्षों तक मुकदमा चला और दिनांक 27 जुलाई 1991 को थानाध्यक्ष के खिलाफ फैसला हो गया। आदेश में अतिरिक्त न्यायालय कोर्ट ने वादी का दावा डिग्री करते हुए प्रतिवादी संख्या 1 थानाध्यक्ष गुरबख्शगंज को बेदखल करने का आदेश दिया तथा साथ ही ₹45 वार्षिक हर्जाना देने का भी आदेश दिया।

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हाइकोर्ट के निर्देश के बाद भी अतिरिक्त एसडीएम धीरज श्रीवास्तव नही कर रहे सुनवाई

रायबरेली। 27 जुलाई 1991 के आर्डर के बाद जमीन पर कब्जे के लिए इजराय मुकदमा किया गया परंतु 1991 के बाद से आज तक उस जमीन पर अतिरिक्त परगना अधिकारी कब्जा दिलाने में असफल साबित रहे। और तो और इजराय की कार्यवाही हेतु कब्जा दिलाने हेतु कोर्ट द्वारा आदेश दिया गया। पुलिस अधीक्षक के पास चिठ्ठी चली गई। तो एक प्रार्थना पत्र इजराय की कार्यवाही रोक दी गई। तथा स्टे आदेश पारित कर दिया गया।

इजराय की कार्यवाही हेतु 32 वर्षो से मुकदमा विचाराधीन है। और इस बीच गुरुबक्शगंज थाना प्रभारी के न्यायालय न आने पर स्टे आदेश भी खारिज हो गया। परन्तु भूमिधरी जमीन पर अवैध कब्जा कर चहारदीवारी का निर्माण कर अनाधिकृत कब्जा कर थाना प्रभारी कोर्ट के आदेश के बावजूद भी जमीन को अपनी बता रहे हैं।

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माननीय हाइकोर्ट ने मामले का लिया संज्ञान, तीन महीने में वाद को निस्तारित करने का दिया निर्देश

रायबरेली। वही न्याय ना मिलने पर पीड़ित ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने 32 साल पुराने विचाराधीन मामले में को संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख अपनाया। जस्टिस सौरभ लावनिया की कोर्ट ने 32 साल पुराने इजराय के मुकदमे को संज्ञान में लेते हुए निर्णीत करने के लिए निचली अदालत की मांग पर तीन महीने का समय दिया। अतिरिक्त एसडीएम धीरज श्रीवास्तव ने शपथपत्र देकर कहा कि उक्त वाद को वह तीन महीने में निस्तारित कर देंगे। परन्तु माननीय हाइकोर्ट के आदेश आने के बाद गुरुबख्शगंज पुलिस जबरन पक्की बाउंड्री वाल बनाने लगी है

जिसकी लिखित शिकायत वादी ने जिलाधिकारी व एसडीएम न्यायालय में किया, जिलाधिकारी ने पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर क्षेत्राधिकारी लालगंज को आदेश दिया कि जांच कर उचित कार्यवाही करें, परंतु 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई जांच व कार्यवाही नही हुई, उल्टे पुलिस कब्जा करने पर उतारू है।

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साहब कई बार हुई थाने की नाप , मगर पुलिस मानने को नही है तैयार

रायबरेली। कई बार राजस्व कर्मचारियों व पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में नाप हुई मगर थाना अध्यक्ष गुरबक्श गंज है कि मानते ही नही। भूमिधरी जमीन पर जबरन निर्माण करने में लगे है। ना कोई प्रतिपक्षी है और न कोई शिकायतकर्ता। सिर्फ थाना अध्यक्ष पार्टी बनकर परेशान कर रहे है। जिसको विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई है अब वही विवाद उत्पन्न करेगा तो पीड़ित किसके पास जाएंगे। पीड़ित की ओर से बार-बार शिकायत करने पर अधिकारी मामले का निस्तारण करने के बजाए टाल मटोल कर रहे है।