डीएवी परासी में पूर्व प्राथमिक शिक्षिका एवं कम्पूटर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ समापन

सोनभद्र,

जिला संवाददाता संतोष कुमार रजक सोनभद्र

सोनभद्र। ‘नई शिक्षा नीति सीखने के लिए पुस्तकों का बोझ बढ़ाने की बजाय व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ाने पर ज्यादा केन्द्रित है।’ इस उक्ति को चरितार्थ करने के उद्देश्य से डी.ए.वी. शैक्षिक उत्कृष्टता केंद्र,नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित सत्र 2023-24 के प्रथम चरण के अंतर्गत डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल,परासी में पूर्व प्राथमिक एवं कम्प्यूटर शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए 30 जुलाई से 1 अगस्त तक त्रिदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।

जिसका समापन मुख्य अतिथि ककरी परियोजना की प्रथम महिला एवं एकता महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती निधि ख़ुल्बे के हाथों प्रशिक्षु शिक्षक- शिक्षिकाओं को प्रतिभागिता प्रमाणपत्र देकर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन में प्रतिभागी शिक्षक- शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए नई शिक्षा नीति के स्वप्नों और आकांक्षाओं को अपना मिशन मानते हुए इस कार्यशाला का हेतु नवाचार, सूचना प्रौद्योगिकी, वैदिक और सांस्कृतिक मूल्यों द्वारा विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण करना है।

उन्होंने डी ए वी संस्था के शिक्षण क्षमता निर्माण संवर्धन के लिए इस तरह की कार्यशालाओं के आयोजन को विद्यार्थियों के हित में उठाया गया एक सराहनीय कदम बताया। इस अवसर पर विद्यालय की बालिकाओं द्वारा राजस्थानी और गुजराती लोकनृत्य पर आधारित नृत्यगीत की प्रस्तुति ने सब सभी को भावविभोर कर दिया। अपने प्रेरक उद्बोधन में विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पुष्पांजलि साहू ने कार्यशाला में उपस्थित विषय विशेषज्ञों,कार्यशाला प्रशिक्षुओं को प्रोत्साहित करते हुए सभी प्रशिक्षुओं से मूल्य आधारित शिक्षण पद्धतियों एवं अत्याधुनिक शिक्षण कौशल के (स्मार्टबोर्ड टीचिंग) नवीनतम तकनीकों को सीखने एवं स्वयं के शैक्षिक स्तरोन्नयन द्वारा विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की अनिवार्यता पर बल दिया।

इस कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक,कंप्यूटर विज्ञान प्रेम देव,संतोष कुमार और मुख्य प्रशिक्षिका,पूर्व प्राथमिक शालिनी श्रीवास्तव, तहसीन सुल्ताना,रजीना विल्सन और अपर्णा श्रीवास्तव द्वारा उत्तम कक्षा शिक्षण प्रबंधन तथा क्षमता निर्माण संवर्धन की बारीकियों से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया गया। इस तरह यह त्रिदिवसीय कार्यशाला अपने मूलभूत उद्देश्यों को प्राप्त करने में अवश्य सफल होगी एवं यह शिक्षण अधिगम कक्षा में बच्चों तक अवश्य अपने मौलिक रूप में फलीभूत होगी। इसमें डी.ए.वी. स्कूल्स,यू.पी.जोन-समूह‘डी’ के 10 डी.ए.वी. स्कूलों के 64 प्रशिक्षणार्थी ने भाग लिया। आज की कार्यशाला के अंत में विद्यालय की मुख्य प्रशिक्षिका रजीना विल्सन ने आए हुए सभी प्रशिक्षु प्रतिभागियों एवं इस कार्यशाला को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सभी शिक्षण और शिक्षणेतर कर्मचारियों का विशेष धन्यवाद किया।