महराजगंज/रायबरेली। अगस्त के बाद सितंबर का महीना शुरू होते ही मौसम परिवर्तन के साथ-साथ बढ़ती उमश भरी गर्मी से महराजगंज क्षेत्र के लोगों का बुरा हाल है। डायरिया का प्रकोप बढ़ रहा है। इसी क्रम में तहसील क्षेत्र के टूक गांव में गर्मी और बदलते मौसम के बीच बुखार से लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों के पीड़ित होने की सूचना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज के अधीक्षक डॉक्टर पी0के0 श्रीवास्तव को ग्रामीणों द्वारा दी गई।
डायरिया के प्रकोप की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों का उपचार कर दवाई उपलब्ध कराई। आपको बता दें कि, उच्चीकृत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज के अधीक्षक डॉक्टर पी0के0 श्रीवास्तव ने बताया कि, टूक के लोगों द्वारा गांव में डायरिया के प्रकोप की जानकारी उन्हें मिली थी।
मामले को संज्ञान लेकर वह स्वयं 10 सदस्य टीम के साथ गांव पहुंचकर और घर-घर दवा का छिड़काव करवाया। डायरिया से पीड़ित लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। तदोपरांत नि:शुल्क दवाएं दी गई। अधीक्षक डॉक्टर पी0के0 श्रीवास्तव ने लोगों को अस्वस्थ किया कि, अगर किसी प्रकार की कोई दिक्कत महसूस हो तो वह तुरंत स्थानीय सीएचसी में डॉक्टर से परामर्श लेकर अपना उचित उपचार करवाएं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक टूक गांव में पिंकी, राजेंद्र, देवनारायण, शिवानी, अभय सिंह, सूर्य सिंह, चांदनी, विद्यावती, अंशुमान सिंह, आमोद प्रताप, राम जियावान, राम सजीवन, मनोज कुमार, हनुमान, दिव्यांशी, सुखना देवी, सुपाती, लक्ष्मी, संदीप कुमार, विकास, अरविंद सिंह, मीनू, राजकली, पंकज सहित 26 लोग बुखार से पीड़ित पाए गए, जिनको परीक्षण के बाद उचित उपचार व दवाई दी गई।
डॉ पी0के0 श्रीवास्तव ने बताया कि, जांच के दौरान 16 मरीज डायरिया एवं 10 मरीज बुखार से पीड़ित पाए गए हैं, जिनका उपचार कर दवाईयां दी गई है। उन्होंने बताया कि, बढ़ते डायरिया और बुखार का कारण गर्मी का लगातार बढ़ना, साथ ही खान-पान में ध्यान ना देना इसका मुख्य कारण है। उन्होंने बताया कि, जिस तरह मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है ऐसे में अभी डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
लोगों को अधिक और बासी खाने से बचना चाहिए, अस्पताल में डायरिया से बचाव के लिए आइसोलेटेड वार्ड बनाए गए हैं, साथ ही जितनी एंटीबायोटिक दवाएं और ओआरएस चाहिए वह सभी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
रिपोर्ट@पवन कुमार