उपायुक्त के निर्देशानुसार राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को लेकर आयोजित हुई जिला समन्वय समिति की बैठक, उप विकास आयुक्त ने की अध्यक्षता, सिविल सर्जन समेत शिक्षा, समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी-कर्मी रहे मौजूद
01-19 वर्ष के 5,69,393 बच्चों/किशोरों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित
जमशेदपुर (झारखंड)। पूर्वी सिंहभूम जिला के सभी शिक्षण/ प्रशिक्षण संस्थान एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में आगामी 15 सिंतबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा । वहीं छूटे हुए बच्चों हेतु मॉप अप दिवस 19 सितंबर को आयोजित किया जाएगा ।
कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार समाहरणालय सभागार में जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई । उप विकास आयुक्त श्री नागेन्द्र पासवान की अध्यक्षता में आहूत बैठक में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, डीआरसीएचओ डॉ. रंजीत पांडा, डीएसई श्री आशीष पांडेय, एमओआईसी, सीडीपीओ व अन्य संबंधित विभागीय पदाधिकारी-कर्मी उपस्थित रहे।
सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल ने बताया कि अभियान के तहत 15 सितंबर को जिला अंतर्गत सभी सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, आईटीई, पॉलिटेक्निक तथा अन्य शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। वहीं 19 सितंबर को छूटे हुए बच्चों/ किशोरों के लिए मॉप दिवस आयोजित कर दवा दिया जाएगा। जिला में 01-19 आयु वर्ग के 5,69,393 बच्चों/किशोरों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राष्ट्रीय कृमि निवारण कार्यक्रम को लेकर उप विकास आयुक्त ने कहा कि बच्चों के समग्र स्वास्थ्य, पोषण स्थिति और जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी के लिए कृमि निवारण कार्यक्रम अहम है। कृमि संक्रमण से बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण स्तर और बौद्धिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह कृमि बच्चों के पेट में पलने वाले कीड़े होते हैं।
ये बच्चों के विकास को हर प्रकार से प्रभावित करते हैं। कृमि के फैलाव को नियमित अंतराल पर अल्बेंडाजोल का सेवन कर डिवार्मिंग किया जा सकता है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के दौरान जिला के सरकारी-गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में दवा खिलाई जाएगी, इसमें एएनएम, सहिया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम जिम्मेदारी रहेगी।
उप विकास आयुक्त ने कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग एवं सहयोगी एनजीओ को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि लक्षित वर्ग तक पहुंच सुनिश्चित करें एवं कार्यक्रम को सफल बनाएं।