प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी, विशेषकर डीप फेक से उत्पन्न खतरों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। भुवनेश्वर में 59वें अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस पर कार्य भार कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने पुलिस थानों को संसाधन आवंटन का केंद्र बिंदु बनाने का सुझाव दिया।
श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर व्यापक विचार विमर्श हुआ। उन्होंने सम्मेलन के दौरान सुझाई गई रणनीतियों पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने पुलिस नेतृत्व से डिजिटल जालसाजी, साइबर अपराध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संभावित संकटों से निपटने के लिये भारत की प्रौद्योगिकी क्षमता दोगुनी कर इस चुनौती को अवसर में बदलने की अपील की।
शहरी पुलिस प्रबंधन में प्रभावी कदमों की सराहना करते हुए श्री मोदी ने सुझाव दिया कि प्रत्येक पहल देश के सौ शहरों में समन्वित रूप से लागू की जाये। उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग के मंत्र पर जोर दिया तथा पुलिस बल को और अधिक सतर्क, कौशल संपन्न, विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने का आग्रह किया।
तीन दिन के इस सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक रैंक के लगभग दो सौ पचास अधिकारियों ने भाग लिया। गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी बैठक में शामिल हुए।