सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम: टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों का होगा अंत!

kamran

September 15, 2024

 

अगर आप हाईवे पर सफर करते हुए टोल प्लाजा पर लंबी कतारों से परेशान हो चुके हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम को हरी झंडी दे दी है, जिससे टोल प्लाजा पर रुकने की झंझट खत्म होने वाली है। यह अत्याधुनिक तकनीक आपकी यात्रा को और भी आसान बनाने के लिए लाई जा रही है, जिससे आपको टोल भरने के लिए प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आइए, जानते हैं कि ये सिस्टम कैसे काम करेगा और क्या इसके आने से फास्टैग बंद हो जाएगा?

सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम क्या है?

सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम को आप सरल शब्दों में इस तरह समझ सकते हैं कि अब टोल प्लाजा पर आपकी गाड़ी को रुकने की जरूरत नहीं होगी। जैसे ही आपकी गाड़ी हाईवे पर चलेगी, सैटेलाइट के जरिए उसकी पहचान होगी और टोल अपने आप कट जाएगा। इस तकनीक को GPS टोल सिस्टम के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह पूरी तरह से सैटेलाइट पर आधारित है।

इस सिस्टम में आपकी गाड़ी में लगे GPS डिवाइस से सीधे संपर्क होगा, और टोल अपने आप काट लिया जाएगा, जिससे ट्रैफिक की समस्या भी कम हो जाएगी। यह तकनीक देशभर में जल्द ही लागू की जाएगी और इसे एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

फास्टैग का क्या होगा?

अब सवाल ये उठता है कि जब सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम आ जाएगा, तो फास्टैग का क्या होगा? फिलहाल फास्टैग को हटाने की कोई योजना नहीं है, बल्कि दोनों सिस्टम साथ-साथ चल सकते हैं। शुरुआत में सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम को कुछ चुनिंदा हाईवे पर लागू किया जाएगा, जबकि बाकी जगहों पर फास्टैग जारी रहेगा। लेकिन लंबे समय में यह नई तकनीक फास्टैग की जगह ले सकती है, क्योंकि यह और भी तेज़ और सुविधाजनक है।

सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम के फायदे

  • टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं: आपकी गाड़ी बिना रुके अपनी स्पीड में टोल क्रॉस करेगी।
  • लंबी कतारों से छुटकारा: अब टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों में खड़े रहने का झंझट खत्म।
  • सटीक टोल कटौती: GPS के जरिए आपकी यात्रा की दूरी के हिसाब से सटीक टोल काटा जाएगा।
  • समय और ईंधन की बचत: गाड़ियों के रुकने और फिर से चलने में खर्च होने वाले समय और ईंधन की बचत होगी।

सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम आने वाले समय में हाईवे सफर को और आसान और सुविधाजनक बनाने वाला है। फिलहाल फास्टैग जारी रहेगा, लेकिन धीरे-धीरे यह नई तकनीक टोल कलेक्शन के भविष्य का हिस्सा बन सकती है। टोल प्लाजा पर रुकने की परेशानी से छुटकारा और सटीक टोल कटौती जैसी सुविधाओं के साथ, यह तकनीक एक क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है।