रविकुमार चुडासमा
जामनगर (गुजरात)। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश (अगस्त 2025) के बाद एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) नियम, 2023 अब पूरे भारत में लागू हो गए हैं। आदेश के तहत अब आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण, कृमिनाशक उपचार और इलाज अनिवार्य किया गया है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन कुत्तों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।
गुजरात के जामनगर नगर निगम ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए अदालत के आदेश का अनुपालन शुरू कर दिया है। निगम ने एबीसी योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी यश फाउंडेशन को सौंपी है। फाउंडेशन की टीम शहर में आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर रही है, जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण के साथ वापस उसी क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि स्वस्थ और टीकाकृत आवारा कुत्तों को शेल्टर में कैद नहीं रखा जाएगा। केवल वे कुत्ते, जो आक्रामक या रेबीज से पीड़ित हों, उन्हें शेल्टर में रखा जाएगा। साथ ही नगर निकायों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे फीडिंग ज़ोन चिन्हित करें, जहां लोग सुरक्षित तरीके से आवारा कुत्तों को खाना खिला सकें।
एबीसी नियम 2023 का उद्देश्य
इन नियमों का मकसद न सिर्फ रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी पर नियंत्रण पाना है, बल्कि मानव और पशु के बीच टकराव को भी कम करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि देशभर में योजना प्रभावी ढंग से लागू हुई तो आने वाले वर्षों में आवारा कुत्तों की समस्या नियंत्रित हो जाएगी।
जामनगर नगर निगम की इस पहल पर अब देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि यह मॉडल अन्य नगर निगमों और राज्यों के लिए भी अनुकरणीय साबित हो सकता है।