जमशेदपुर (झारखंड)। नगर निकायों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिए जाने की पात्रता निर्धारण हेतु ट्रिपल टेस्ट के अंतर्गत जिले में संपन्न डोर-टू-डोर सर्वे से संबंधित प्रतिवेदनों की समीक्षा हेतु राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री जानकी प्रसाद यादव ने परिसदन सभागार में बैठक किया। आयोग के सदस्यगण श्री नन्दकिशोर मेहता, श्री लक्ष्मण यादव, श्री नरेश वर्मा भी बैठक में मौजूद रहे।
बैठक में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सभी विभागों से अद्यतन प्रतिवेदन के अलावा पिछड़े वर्गों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक स्थिति से संबंधित विभिन्न पहलुओं का विस्तृत जानकारी लिया। आयोग द्वारा पिछड़े वर्गों की जाति, आय, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र एवं अंचल कार्यालय में लंबित प्रकरणों की भी गहन समीक्षा की गई तथा सभी मामलों का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करने हेतु संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया।
प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति, आकस्मिक मृत्यु एवं सर्पदंश के मामलों में देय लाभ की समीक्षा की गई और सभी पात्र लाभार्थियों को त्वरित सहायता सुनिश्चित करने हेतु योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं सभी पात्र व्यक्तियों तक लाभ पहुँचाने के निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त, जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को हुई आर्थिक एवं फसल क्षति के लिए भी उचित मुआवजा प्रदान करने के साथ-साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अधिकाधिक पात्र व्यक्तियों को ऋण एवं अन्य लाभ उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया गया।
शिक्षा विभाग से संबंधित समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिया गया कि सभी योग्य विद्यार्थियों को प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण योजना का लाभ दिया जाए। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी विद्यालयों में 25% ग़रीबी रेखा से नीचे के परिवार के बच्चों का नामांकन को सुनिश्चित किया जाए तथा सभी आवासीय विद्यालयों में भोजन, आधारभूत सुविधाएं एवं अन्य लाभ समय पर उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित किया जाए।
समीक्षा क्रम में मनरेगा अंतर्गत अधिकाधिक योजनाओं का संचालन कर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु योजनाओं के लाभ देने एवं विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्देश दिया गया।
साथ ही, कृषि कार्यों के लिए सभी किसानों को उचित दर पर बीज, खाद एवं फलदार पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। मत्स्य पदाधिकारी को पंचायत स्तर पर ज्यादा से ज्यादा समितियां गठित करते हुए मत्स्य पालन के क्षेत्र में जिला को आत्मनिर्भर बनाने, मत्स्यपालकों को मार्केट लिंकेज तथा सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं से भी आच्छादित करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में अपर उपायुक्त श्री भगीरथ प्रसाद, जिला पंचायत राज पदाधिकारी श्रीमती रिंकू कुमारी, अपर नगर आयुक्त जेएनएसी श्री कृष्ण कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी श्री शंकराचार्य समद, अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम श्री गौतम कुमार, जिला योजना पदाधिकारी श्री मृत्युंजय कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री पंचानन उरांव, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला मत्स्य पदाधिकारी, विभिन्न प्रखंडो के बीडीओ, सीओ तथा अन्य सम्बन्धित विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।