नव मधुकर त्रैमासिक, ई-पत्रिका के द्वितीय अंक का विमोचन

प्रमुख समाचार

नव मधुकर त्रैमासिक, ई-पत्रिका के द्वितीय अंक का विमोचन

     कल दिनांक 29.07.2023 को बानपुर दरवाजा स्थित गायत्री मंदिर के सभाकक्ष में श्री वीरेंद्र केशव साहित्य परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के अंतर्गत नव मधुकर त्रैमासिक ई पत्रिका के द्वितीय अंक का विमोचन किया. इस कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार श्री ओ पी तिवारी, विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद श्री फूल चंद जैन तथा मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार श्री प्रदीप खरे जी उपस्थित रहे.
    श्री वीरेंद्र केशव साहित्य परिषद टीकमगढ़ द्वारा प्रकाशित तथा श्री राम गोपाल रैकवार द्वारा संपादित नव मधुकर पत्रिका मे बुंदेलखंड का इतिहास, भूगोल, पुरातत्व, संस्कृति, प्रकृति, समाज और व्यक्तित्व को शामिल किया जाता है.
   नव मधुकर के इस अंक में बुंदेलखंड के दर्शनीय स्थल, क्रांतिकारी श्री चंद्रशेखर आजाद का बुंदेलखंड में अज्ञातवास, कुंडलपुर का सांस्कृतिक वैभव, मुंगावली की खुली जेल, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री अशरफ अली शाह, बुंदेली लोक नाट्य स्वांग पर महत्वपूर्ण आलेखो का संचय है.
      इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरि विष्णु अवस्थी ने श्री बनारसी दास चतुर्वेदी द्वारा संपादित मधुकर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई. श्री फूलचंद जैन ने नव मधुकर पत्रिका की संक्षिप्त समीक्षा प्रस्तुत की.
   कार्यक्रम के द्वितीय चरण में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया गोष्ठी में उपस्थित कवियों में एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की. 

श्री राजीव नामदेव जी ने- “बच्चों की किलकारी गूंजे वह घर अच्छा लगता है” काव्य प्रस्तुति दी.
श्री रामगोपाल रैकवार ने -“सावन के व्यवहार से, धरती बहुत निराश” कविता प्रस्तुत की.
श्री प्रभु दयाल श्रीवास्तव ने “बदरा उमड़त घुमड़त रहियो” रचना प्रस्तुत की.
श्री वीरेंद्र चंसौरिया ने “प्यासी धरती को पानी पिला दीजिए, हर एक प्राणी का जीवन बचा लीजिए” काव्य प्रस्तुति दी. वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप खरे ने “जैदिना आए टिरऊआ जाने” मार्मिक प्रस्तुति दी.
डॉ विनीता नाग ने श्री सोहनलाल द्विवेदी की कविता “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती” शानदार प्रस्तुति दी.
श्री रविंद्र यादव ने “आप मिल जाएंगे हमने सोचा न था” मनमोहक प्रस्तुति दी.
श्री पूरन चंद्र गुप्ता ने “झूला झूले राधा रानी, सखियों संग गुमानी” रचना प्रस्तुत की.
श्री गुलाब सिंह यादव,श्री दयाली राम विश्वकर्मा,श्री सियाराम अहिरवार, कु.शालिनी सिंह, श्री शकील खान, श्री सत्यनारायण तिवारी जी ने भी अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत की.
कार्यक्रम का संचालन युवा कवि श्री रविंद्र यादव द्वारा किया गया. अंत में सभी का आभार श्री वीरेंद्र केशव साहित्य परिषद के अध्यक्ष श्री विजय मेहरा द्वारा व्यक्त किया गया.
इस कार्यक्रम में श्री सलीम अली शाह, श्री गुलाब अली शाह, श्री रज्जाक अली, श्रीमती अल्ला रख्खी, श्री इंसाफ अली शाह, श्रीमती आशमा शाह, कुमारी तमन्ना शाह, फैजान शाह, इरशाद शाह, समीर शाह, श्री सोहेल अख्तर उपस्थित रहे