9 वर्ष पुराने प्रकरण में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास

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09 वर्ष पुराने प्रकरण में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास
आरोपी 6 वर्ष से चल रहा था फ रार, 4 माह पूर्व बड़ागॉंव पुलिस ने किया था गिरफ्तार
टीकमगढ़। थाना बड़ागांव अंतर्गत हुई दुष्कर्म की एक वारदात के मामले में एपीएस चौहान, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, टीकमगढ़ सुनवाई करते हुए अपने फैसले में आरोपी गजाधर कुशवाहा को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में पैरवीकर्ता श्रीमती नर्मदांजलि दुबे  विशेष लोक अभियोजक टीकमगढ़ एवं विवेचक तत्कालीन निरीक्षक आरपी चौधरी, एएसआई संतोष सिंह रहे। आरोपीगण गजाधर कुशवाहा पुत्र हन्नू कुशवाहा आयु 32 वर्ष को कारागार भेजा गया। इस संबन्ध में जानकारी देते हुए पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि उक्त मामला थाना बड़ागांव का होकर विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट, टीकमगढ़ के न्यायालय में विचाराधीन था। उक्त मामले में दिनांक 01 अप्रैल 2012 को सुबह 06:00 बजे फरियादी पीडि़ता का पिता अपनी पत्नि, पीडि़ता की मां के साथ गेंहूँ काटने खेत पर गया था और घर में अपनी दोनों बच्चियों, पीडि़ता एवं पीडि़ता की बहिन को छोड़ गया था। जब वह शाम को गेंहूं काटकर घर लौटा तो पीडि़ता की बहिन ने बताया कि दिन के 02:30 बजे पीडि़ता चाचा के यहां की कहकर चली गयी थी, फि र वापिस नहीं आयी है । उसने गांव में पता किया तो मालूम हुआ कि गांव का गजाधर काछी भी घर पर नहीं है, इसलिये उसे शंका हुई कि उसकी पुत्री पीडि़ता को गजाधर काछी बहला फुसलाकर भगा ले गया है । पीडि़ता के पिता ने उक्त सूचना थाना बड़ागांव में दी। जिसके आधार पर पुलिस थाना बड़ागांव में गुमइंसान सूचना लेख की जाकर अभियुक्त गजाधर काछी के विरूद्ध धारा 363, 366 भादवि के तहत एफ आईआर पंजीबद्ध कर प्रकरण में विवेचना प्रारंभ की गई । विवेचना के दौरा पीडि़ता के दस्तयाब होने पर पर उसने अपने कथनों में बताया कि दिनांक 01 अप्रैल 2012 को दिन के करीब 02:30 बजे जब अभियुक्त गजाधर कुशवाहा जो उसकी पहचान का था, ने दिल्ली चलने के लिये कहा तो वह उसे साथ दिल्ली चली गयी। वहां पर उसने एक झुग्गी बनाकर उसे साथ में रखा। जहां वह अभियुक्त उसे बहला फुसलाकर उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा, जिसके परिणाम स्वरूप उसे पहले एक लडक़ा एवं बाद में एक लडक़ी पैदा हुई थी, जो खत्म हो गये थे । पीडि़ता के उक्त कथन के आधार पर अभियुक्त गजाधर के विरूद्ध धारा 376;2; एन भादवि एवं धारा 5;एल 6 पॉक्सो एक्ट का इजाफ़ा कर पीडि़ता का मेडीकल परीक्षण कराया गया । अभियुक्त को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया। आरोपी गजाधर माननीय न्यायालय से 6 वर्ष पूर्व जमानत मिलने के बाद फरार हो गया, जिसे थाना बड़ागांव पुलिस द्वारा 4 माह पूर्व आरोपी गजाधर को शराब बेचते हुए गिरफ्तार कर लिया। पीडि़ता एवं अभियुक्त से प्राप्त स्तोत्रों को डीएनए परीक्षण हेतु एफ एसएल सागर भेजा गया। प्राप्त डीएनए रिपोर्ट अनुसार प्रमाणित हुआ कि आरोपी एवं पीडि़ता के बीच भौतिक संबंध स्थापित हुये थे । प्रकरण में संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्त गजाधर कुशवाहा के विरूद्ध विचारण हेतु अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा कुल 17 साक्षियों को परीक्षित कराया गया एवं कुल 29 दस्तावेजों को न्यायालय के समक्ष प्रदर्शित कराया गया । प्रकरण में अभियोजन द्वारा प्रस्तुत मौखिक, दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य ;धनात्मक डीएनए रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय द्वारा मामले में निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त गजाधर कुशवाहा को दोष सिद्ध ठहराते हुए धारा 363 भादवि के अपराध में 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा 366 भादवि में 05 वर्ष का कठोर कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 5 एल 6 पॉक्सो एक्ट के अपराध में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।