बाघवार अकादमी चान्हों के बच्चों का केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान का शैक्षणिक भ्रमण

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बाघवार अकादमी चान्हों के बच्चों का केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान का शैक्षणिक भ्रमण

साबिर अंसारी

चान्हो: बाघवार अकादमी के 87 मेधावी छात्र एवं छात्राओं को रांची के पिस्का नगडी, प्रेम नगर स्थित केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान केंद्र शैक्षणिक भ्रमण के लिए ले जाया गया। आपको बता दें की यह अनुसंधान केंद्र पूरे भारत का इकलौता तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान है। शायद बहुत कम लोग जानते होंगे की तसर का 70% उत्पादन झारखंड में होता है और भारतवर्ष के अन्य राज्यों तथा विदेश में इसका निर्यात होता है। विद्यालय के बच्चे डेढ़ घंटे बस से सफर कर यहां तक पहुंचे । तसर अनुसंधान केंद्र देखने को लेकर सभी बच्चों का उत्साह अपने चरम पर था। वहां पहुंच कर सभी बच्चों को पंक्तिबद्ध कर सबसे पहले ट्रेनिंग सेंटर ले जाया गया।ट्रेनिंग सेंटर के हेड डॉक्टर मित्तल तथा उनके सहयोगी डॉ विनोद ने सभी बच्चों को तसर उत्पादन से संबंधित विस्तृत जानकारी बच्चों को दी। सभी बच्चों ने उन्हें ध्यान से सुना और जानकारी ग्रहण की। इसके पश्चात सभी बच्चों को फील्ड एरिया में ले जाकर कैटरपिलर,कोकून, तथा एडल्ट कैटरपिलर को हाथों में लेकर दिखाया गया। उन्हें अर्जुन के पौधे भी दिखाए गए और बताया गया की अर्जुन के पत्तों को खाकर कीड़े बड़े होते हैं और एक बार में तीन से चार हजार अंडे देते हैं।बारिस की आंख मिचौली ने इस भ्रमण को और भी यादगार बना दिया। मार्ग में बच्चों को किसी प्रकार की असुविधा न हो तथा उनके देखरेख के लिए विद्यालय के चार शिक्षक,एवं शिक्षिका हरे कृष्णा सिंह,अनुज उरांव,संगीता एकका तथा फरहत जहां हर पल बच्चों के साथ बने रहे। इसके पश्चात सभी बच्चों को वहां स्थित कैंटीन में सादा एवं स्वादिष्ट भोजन कराया गया । सभी ने बड़े चाव से वहां का भोजन ग्रहण किया तथा स्वादिष्ट भोजन एवं कैंटीन की सराहना की। लौटने के पश्चात बच्चों से मिलकर एवं उनके उत्साह को देखकर विद्यालय के निदेशक अशोक बाघवार एवं प्रधानाचार्य अरुण बाघवार ने कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन बार-बार किया जाएगा जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में अत्यंत सहायक साबित होगा।